नई दिल्ली: जिन लोगों का मन अशांत रहता है. मानसिक रुप से परेशान रहते हैं तो उनके लिए 12 दिसंबर का दिन महत्वपूर्ण है. इस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा है. इस दिन चंद्रमा सबसे मजबूत स्थिति में होता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण स्थिति में होता है इसीलिए इसे पूर्णमासी कहा जाता है.
ज्योतिष शास्त्र में इस दिन का विशेष महत्च है. दान पुण्य के लिए भी यह तिथि सर्वश्रेष्ठ मानी गई है.क्योंकि इस दिन सूर्य और चंद्रमा आमने सामने आ जाते हैं. इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. ऐसा मत है. कालयुग में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. व्यक्ति की सफलता में चंद्रमा की अहम भूमिका होती है.
चंद्रमा मन और दिमाग को नियंत्रित करता है. व्यक्ति का मन और मष्तिष्क पर जब नियंत्रण होगा तभी वह अपने कार्यों को बेहतर ढंग से कर सकता है. मन अशांत होने पर व्यक्ति कलह और अनावश्यक परेशानियों में उलझ जाता है जिससे उसका संपूर्ण व्यक्तित्व प्रभावित होने लगता है. परिवार में विवाद, पत्नी से मनमुटाव, समाज में प्रतिष्ठा की कमी इन सब का कारण खराब चंद्रमा ही होता है.
जिन व्यक्तियों को इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं उनके लिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा बहुत महत्वपूर्ण है. वैसे तो सभी लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है लेकिन जो व्यक्ति खराब चंद्रमा के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं उनके लिए विशेष है. इस दिन सफेद वस्तुओं का दान कर सकते हैं. भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. शिव स्त्रोत का पाठ करने से लाभ मिलता है. सत्यनारायण की कथा सुनने से भी अच्छे फल प्राप्त होते हैं. इस दिन पूर्वजों का ध्यान कर उनसे आर्शीवाद लेना चाहिए.
पूर्णिमा के दिन ये करें-
- सुबह स्नान कर व्रत शुरू करें.
- सफेद वस्त्र पहन कर पूजा स्थल पर पूजा करें.
- अग्नि जलाकर परिवार के साथ हवन करें.
- गरीबों को दान करें और उन्हें भोजन कराएं.
- सफेद रंग की खाद्य वस्तुओं का सेवन करें.