Pradosh Vrat 2023: दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत कब, नोट करें सही डेट और प्रदोष काल का समय
Margashirsha Pradosh Vrat 2023: दिसंबर माह में दो रवि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है, रवि प्रदोष व्रत आरोग्य, सौभाग्य और सफलता प्रदान करता है. जानें दिसंबर के रवि प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त
![Pradosh Vrat 2023: दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत कब, नोट करें सही डेट और प्रदोष काल का समय Margashirsha ravi pradosh vrat 2023 in December Date pradosh kaal puja time significance Pradosh Vrat 2023: दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत कब, नोट करें सही डेट और प्रदोष काल का समय](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/07/88042a10b81ae83684a56a1f834c50941691402908738499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
December Pradosh Vrat 2023: भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत सबसे अधिक फलदायी माना गया है. वार अनुसार प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व है. इस साल 2023 में दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, जो लंबी आयु की प्राप्ति के लिए बेहद शुभ फलदायी माना जाता है.
रवि प्रदोष व्रत में शिवलिंग का अभिषेक करने वालों को आरोग्य का वरदान मिलता है. इस साल दिसंबर में दो रवि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं दिसंबर और मार्गशीर्ष माह के रवि प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
दिसंबर का पहला रवि प्रदोष व्रत 2023 (First Ravi Pradosh Vrat 2023)
दिसंबर माह का पहला रवि प्रदोष व्रत 10 दिसंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा. इस व्रत में शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करनी चाहिए.
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 दिसंबर 2023 को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 11 दिसंबर 2023 को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर इसका समापन होगा.
- पूजा का मुहूर्त - शाम 05.24 - रात 08.08
दिसंबर का दूसरा रवि प्रदोष व्रत 2023 (Second Ravi Pradosh Vrat 2023)
दिसंबर माह का दूसरा और इस साल का आखिरी रवि प्रदोष व्रत 24 दिसंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा. रवि प्रदोष का संयोग कई तरह के दोषों को दूर करता है। इस संयोग के प्रभाव से तरक्की मिलती है.
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर इसका समापन होगा.
- पूजा का मुहूर्त - शाम 05.30 - रात 08.14
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत की महत्वता सप्ताह के दिनों के अनुसार अलग-अलग होती है. रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत और पूजा से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है. जो लोग आए दिन बीमारी का शिकार होते हैं उन्हें रवि प्रदोष व्रत जरुर करना चाहिए. प्रदोष काल यानी सूर्य अस्त होने से 45 मिनट पहले और सूर्य अस्त होने के 45 मिनट बाद तक का समय. इस दौरान शिव साधना करने से मनोकामना जल्द पूर्ण होती है.
Utpanna Ekadashi 2023: उत्पन्ना एकादशी का व्रत दिलाता है जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति, जानें ये कथा
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)