Ravi Pradosh vrat 2023: शिव और शक्ति को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष का समय अत्यंत शुभ होता है तथा प्रदोष व्रत को प्रभावी माना जाता है. प्रदोष व्रत के प्रताप से जीवन में दुख, दोष, दरिद्रता का अंत होता है और खुशियां दस्तक देती है. इस बार दिसंबर में दूसरा प्रदोष भी रवि प्रदोष व्रत होगा.


रवि प्रदोष का संयोग कई तरह के दोषों को दूर करता है.  इस संयोग के प्रभाव से तरक्की मिलती है. आरोग्य, ऐश्वर्य, अच्छे स्वास्थ और मान-सम्मान में वृद्धि के लिए रवि प्रदोष व्रत बहुत खास माना जाता है. जानें दिसंबर और मार्गशीर्ष माह के दूसरे प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.


दिसंबर का दूसरा रवि प्रदोष व्रत 2023 डेट


मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 24 दिसंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा. ये  दिसंबर माह का दूसरा और साल 2023 का आखिरी प्रदोष व्रत होगा. प्रदोष व्रत में प्रदोष काल यानी सूर्य अस्त होने से 45 मिनट पहले और सूर्य अस्त होने के 45 मिनट के बीच शिव साधना की जाती है.


मार्गशीर्ष रवि प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त


पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर इसका समापन होगा.



  • पूजा का मुहूर्त - शाम 05.30 - रात 08.14


रवि प्रदोष व्रत क्यों है खास


पुराणों के अनुसार रवि प्रदोष व्रत को करने से बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत एक साल में कई बार आता है। प्रायः यह व्रत महीने में दो बार आता है. पुराणों के अनुसार एक प्रदोष व्रत रखने का पुण्य दो गाय दान करने जितना होता है. वेदों के महाज्ञानी सूतजी ने शौनकादि ऋषियों को प्रदोष व्रत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया था कि कलयुग में जब अधर्म चरम पर होगा, लोग अन्याय की राह पर जा रहे होंगे उस समय प्रदोष व्रत एक माध्यम बनेगा जिसके जरिए वो शिव की अराधना कर अपने पापों का प्रायश्चित कर सकेगा और अपने सारे कष्टों को दूर कर सकेगा.


Nostradamus Predictions 2024: साल 2024 में चीन युद्ध से लेकर भारत में नई खोज तक, जानें नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.