पृथ्वी के समान माने जाने वाले नजदीक के ग्रह मंगलदेव ने 14 अप्रैल 2021 की रात्रि 1 बजकर 14 मिनट पर मिथुन में प्रवेश लिया है. सौरमंडल में लाल ग्रह के नाम से विख्यात भौम अब तक वृष राशि में राहू के साथ संचरण कर रहे थे. राहू और मंगल का यह योग अंगारक योग बना रहा था. 


अंगारक योग का प्रभाव रासायनिक तत्वों में सक्रियता लाता है. ज्योतिषीय गणना के आधार पर तात्कालिक संक्रामक रोगों में इजाफा अंगारक योग के कारण ही हुआ माना जाता है. मिथुन राशि में प्रवेश के साथ रासायनिक गतिविधियों की सक्रियता में कमी आने की संभावना रहेगी. 


मंगलदेव के प्रभाव से मेष, सिंह, कन्या, तुला, मकर और कुंभ को लाभ होने वाला है. उक्त छह राशियों के अलावा अन्य राशियों को मंगल का साधारण अथवा कमतर प्रभाव प्राप्त होगा.


मंगलदेव मिथुन से निकलकर कर्क रा़िश में 2 जून 2021 को प्रात 6 बजकर 51 मिनट पर प्रवेश लेंगे. कर्क राशि मंगलदेव के लिए नीच राशि मानी जाती है. अर्थात् मंगल से जुड़े भूमि भवन वाहन और अस्त्र से जुडे़ कार्याें को 2 जून से पहले करने में विश्वास रखें.


मंगलदेव के प्रभाव को बढ़ाने के लिए भगवान भोलेनाथ के अंशावतार पवनसुत हनुमान की आराधना की जाती है. मंगलवार को उन्हें चोला चढ़ाएं. गुड़ चने का प्रसाद अर्पित करें. मूंगा प्रवाल धारण करें. लाल वस्त्रों और वस्तुओं का दान करें. हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें. हनुमान जी को मंगलवार को गेंहूं के रोट बनाकर चढ़ाएं.