(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Durgashtami: इस पावन व्रत में कन्याओं को दें उपहार, मां दुर्गा होंगी प्रसन्न, धन और मनोवांछित फल के प्राप्ति की है मान्यता
Durgashtami Vrat: मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. यह तिथि मां दुर्गा जी को समर्पित होती है. इस दिन पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं.
Masik Durga Asthami 2021: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है. आषाढ़ मास की मासिक दुर्गाष्टमी 17 जुलाई को पड़ रही है. पंचांग के अनुसार नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को महाष्टमी कहा जाता है. अष्टमी तिथि को व्रत रखकर मां दुर्गा जी की पूजा –अर्चना की जाती है. इससे मां दुर्गा अपने भक्तों पर प्रसन्न होती है. और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं.
उनको शत्रुओं पर विजय दिलाती हैं. धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की सच्चे मन से विधि पूर्वक उपासना करने से मां की कृपा बरसती है. उनकी कृपा से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है. धन का आगमन अनवरत बना रहता है. मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
पूजा विधि:
दुर्गाष्टमी व्रत के पावन दिन पर सुबह प्रातः काल स्नानादि करके घर में पूजा चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित करें उसके बाद उन्हें अक्षत, लाल पुष्प और सिंदूर अर्पित करें. अब प्रसाद के लिए मिष्ठान और फल भी चढ़ाएं.
धूप-दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें . तत्पश्चात उनकी आरती करें. उसके बाद प्रसाद वितरण करें. दुर्गाष्टमी व्रत में कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें यथा शक्ति उपहार, दान, दक्षिणा प्रदान करें. मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं.
मासिक दुर्गाष्टमी का धार्मिक महत्व:
धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने और व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है. अखंड सौभाग्य की कामना के लिए महिलाएं और निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखकर छोटी कन्याओं को पांच प्रकार की शृंगार सामग्री भेंट करनी चाहिए.
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत में कन्याओं को सफ़ेद फूल उपहार में देने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है. मन की इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए लाल पुष्प और लौकिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए लाल या पीले रंग के फल कन्याओं को उपहार स्वरूप देना चाहिए.