Kalashtami Vrat 2022 Date, Puja Vidhi: हर महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. ये व्रत भगवान शिव के रुद्रवतार काल भैरव को समर्पित होता है. इस दिन इन्हीं काल भैरव की पूजा की जाती है. भगवान शिव के ये रुद्रवतार काल भैरव ही महाकाल स्वरूप में उज्जैन में विराजमान हैं, वहीं वे शिव नगरी काशी में वहां के कोतवाल हैं. पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की कालाष्टमी व्रत 20 जून दिन सोमवार को रखा जाएगा. इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है. इस मुहूर्त में भी आप शुभ कार्य कर सकते हैं.
कालाष्टमी व्रत 2022 तिथि
- आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ: 20 जून दिन सोमवार को रात 09 बजकर 01 मिनट से
- आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन: 21 जून मंगलवार को रात 08 बजकर 30 मिनट पर
भगवान शिव के रूप बाबा काल भैरव को तंत्र मंत्र का देवता माना जाता है. इनकी पूजा रात्रि प्रहर में किये जाने विधान है. इसलिए भक्त इनकी पूजा रात्रि में करते हैं. पंचांग के अनुसार, चूंकि रात्रि प्रहर की पूजा का मुहूर्त 20 जून को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में आषाढ़ माह की कालाष्टमी व्रत 20 जून को रखी जायेगी.
कालाष्टमी व्रत 2022 पूजन विधि
कालाष्टमी व्रत के दिन भक्त प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर एवं पूजा स्थल की सफाई करें. उसके बाद स्नान आदि से निवृति होकर व्रत का संकल्प लें. अब पूजा शुरू करने के पहले पवित्र जल से आमचन करें. अब पहले सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की पूजा पंचामृत, दूध, दही, बिल्व पत्र, धतूरा, फल, फूल, धूप-दीप आदि से करें. अंत में आरती करते हुए हाथ जोड़कर अपनी मनोकामनाएं बाबा काल भैरव के सम्मुख रखें. अब पूरे दिन फलाहार व्रत रखें. शाम को आरती करने के बाद फलाहार करें. अगले दिन सुबह स्नान-पूजा पाठ के बाद ही व्रत खोलें.
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