Masik Krishna Janmashtami Vrat in June 2022: हिंदू धर्म में हर माह भगवान कृष्ण की जन्म तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं. मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मथुरा में हुआ था. इस लिए कृष्ण भक्त हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मानते हैं. इस दिन भक्त पूरे दिन व्रत रखते हुये भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं. उनकी कृपा से भक्तों के सारे पाप नष्ट हो जाते है. घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है. घर में लक्ष्मी का वास होता है. दरिद्रता नष्ट हो जाती है. सामजिक मान मर्यादा में वृद्धि होती है.


मासिक कृष्ण अष्टमी पूजा मुहूर्त



  • आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि प्रारंभ: 20 जून दिन सोमवार को01 बजे से

  • आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन: 21 जून मंगलवार को30 बजे


मासिक कृष्ण अष्टमी पूजा विधि:


व्रत के दिन भक्त प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के मंदिर की सफाई कर लें. अब भगवान कृष्ण की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं. तथा सभी देवताओं का जलाभिषेक करें. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. अब लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं. अंत में आरती कर पूजा समाप्त करें. पूजन में हुई भूल के लिए क्षमा भी मांगें.


आषाढ़ मास की कृष्णाष्टमी को उग्र नाम से भगवान शंकर का पूजन कर गोमय – प्राशन  करना चाहिए.


मासिक कृष्ण अष्टमी व्रत का महत्व


मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन विधि- विधान पूर्वक भगवान श्री कृष्ण की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है.




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