Margashirsha Masik Shivratri 2022: मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि का व्रत 22 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. शिव की प्रिय शिवरात्रि तिथि पर भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और भक्ति भाव से रात्रि में जागरण कर पूजा की जाती है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी, इंद्राणी, गायत्री देवी, मां सरस्वती और देवी पार्वती ने भी यह व्रत किया था. हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन अति शुभ योग का संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि का मुहूर्त, पूजा विधि
मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2022 मुहूर्त (Margashirsha Masik Shivratri 2022 Muhurat)
मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शुरू - 22 नवंबर 2022, सुबह 08.49 मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समापन - 23 नवंबर 2022, सुबह 06.53
निशिता काल पूजा का मुहूर्त - रात 11.47 - प्रात: 12.40
- ब्रह्म मुहूर्त - 05:05 AM - 05:58 AM
- अभिजित मुहूर्त - 11:51 AM- 12:34 PM
- गोधूलि मुहूर्त - 05:34 PM - 06:01 PM
मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2022 योग (Margashirsha Masik Shivratri 2022
मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि के दिन शोभन और सौभाग्य योग है. इन शुभ योग में शिव-पार्वती की आराधना करने से व्रती के सौभाग्य में वृद्धि होती है. वहीं शोभन योग में शुरु किया शुभ काम सिद्ध होता है.
- शोभन योग - 22 नंवबर 2022, शाम 06.38 - 23 नवंबर 2022 दोपहर 03.40
- सौभाग्य योग - 21 नवंबर 2022, रात 09.07 - 22 नवंबर 2022, शाम 06.38
मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
- मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद साफ वस्त्र पहने और व्रत का संकल्प लें. संभव हो तो इस दिन स्वच्छ सफेद वस्त्र धारण करें. सफेद रंग शिव को प्रिय है.
- शंकर-पार्वती की षोडोपचार विधि से पूजन करें. भोग लगाएं और दिन भर व्रत करने के बाद मध्यरात्रि में भोलेनाथ की आराधना करें. मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि के चार प्रहर में अधिक फलदायी होती है.
- प्रथम प्रहर (रात 6-9 बजे) की पूजा में शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें. इस दौरान ऊं हीं ईशानाय नम: मंत्र का जाप करें. कहते हैं इससे तमाम दोष और रोग से मुक्ति मिलती है.
- दूसरे प्रहर (रात 9-12) में ऊं हीं अधोराय नम: मंत्र जाप करते हुए भोलेनाथ को दही चढ़ाएं. मान्यता है इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. धन संबंधी दिक्कतों का निवारण होता है.
- प्रात: 12 से 3 बजे के बीच तीसरा प्रहर शुरू होता है. इसमें शंकर जी का घी से अभिषेक करें. इसमें ऊं हीं वामदेवाय नम: का जाप करें. इससे विशेष मनोकामना जल्द पूर्ण होती है.
- चौथा प्रहर (प्रात: 3-6) में शिवलिंग पर शहद अर्पित करते हुए ऊं हीं सग्घोजाताय नम: का उच्चारण करें.कहते हैं ऐसा करने पर जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और साधक मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त होता है.
- चार प्रहर की पूजा न कर पाएं तो निशिता काल मुहूर्त में भी पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने पर अक्षय पुण्य प्राप्त होता है.
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