Masik Shivratri Fast 2022: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम तिथि होती है. यह हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. शास्त्रों में मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. इनकी कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा रात्रि में करने का विशेष महत्त्व है.


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि


मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है. व्रती को सुबह से व्रत रखना चाहिए. उसके बाद निशिता काल में पूजा शुरू करने से पहले स्नानादि करके साफ़ कपडा पहन लें. इसके बाद शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, घी, सिंदूर, चीनी और गुलाब जल आदि चढ़ाकर अभिषेक करें. अभिषेक करते समय ॐ नमः शिवाय का जाप अवश्य करें. उसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा चढ़ाए तथा धूप दीप जलाकर नैवेद्द्य अर्पित करें. बाद में शिव चालीसा, शिव पुराण और शिव मन्त्र का जाप जरूर करें. इससे भक्तों पर भगवान शिव की असीम कृपा बरसती है और उनकी कृपा से असंभव कार्य संभव होने लगते हैं.  


मासिक शिवरात्रि पूजा तिथि मुहूर्त


पंचांग के मुताबिक़ वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 28 अप्रैल दिन गुरुवार को देर रात 12 बजकर 26 मिनट पर आरंभ होगी तथा चतुर्दशी तिथि का समापन 29 अप्रैल की देर रात 12 बजकर 57 बजे होगा. उदयातिथि के आधार पर व्रत के नियमानुसार  मासिक शिवरात्रि व्रत 29 अप्रैल दिन शुक्रवार को रखा जाएगा.



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