Maulana Tariq Jameel: पितृपक्ष (Pitru Paksha) का समय चल रहा है और इस दौरान हिंदू धर्म (Hindu Dharm) को मानने वाले सभी लोग अपने मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनके निमित्त पिंडदान (Pnd daan), तर्पण और श्राद्ध (Shradh) जैसे कर्म कर रहे हैं.


लेकिन इस बीच पाकिस्तान (Pakistan) के मशहूर मौलाना तारिक जमील (Maulana Tariq Jameel) का एक बयान फिर से चर्चा में है, जिसमें उन्होंने अपने पूर्वजों (Ancestors) को हिंदू बताया था. जमील कहते हैं कि- उनके पूर्वज हिंदू थे और वह खुद को पृथ्वीराज चौहान का वंशज मानते हैं.






मौलाना तारिक जमील का बयान


तारिक जमील कहते हैं कि-‘‘पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) को मुहम्मद गोरी रहमतुल्लाह अलैह ने मार डाला था. उसका एक बेटा था ‘रामदेव चौहान’, जोकि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के द्वारा मुसलमान (Muslim) बनाया गया. हम सभी उसी रामदेव चौहान के वंशज हैं.”


मौलाना तारिक जमील के बयान का संशोधन


मौलाना तारिक जमील के अनुसार, रामदेव चौहान के एक बेटे ने मौलाना चिश्ती रहमतुल्लाह से इस्लाम कबूल कर लिया और वे उसी की नस्ल हैं. हालांकि तारिक जमील के इस बयान में थोड़ा संशोधन है. क्योंकि इंटरनेट से ली गई जानकारी के अनुसार, पृथ्वीराज चौहान के इकलौते पुत्र का नाम गोविंद राज चौहान था.


तारिक जमील जिस रामदेव चौहान के बारे में बताते हैं वे गोविंद राज चौहान के बेटे महाराव हम्मीरदेव हठी चौहान के पुत्र थे. इसका मतलब यह है कि रामदेव चौहा पृथ्वीराज के बेटे नहीं परपोते थे.


कौन हैं मौलाना तारिक जमील (Maulana Tariq Jameel Bio)



  • बात करें मौलाना तारिक जमील की तो उनका जन्म 01 अक्टूबर 1953 को मियां चन्नू, पाकिस्तान में हुआ. वे हनाफी आंदोलन तब्लीगी जमात से जुड़े हैं. पाकिस्तान में उनकी गिनती चर्चित मजहबी तकरीर करने वालों में होती है.

  • मौलाना तारिक जमील पृथ्वीराज चौहान को अपना पूर्वज बताते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वो इस्लाम (Islam) का सम्मान नहीं करते. बल्कि तारिक जमील जॉर्डन में रॉयल अल-बैत इंस्टीट्यूट फॉर इस्लामिक थॉट द्वारा दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में से एक के रूप में नामित हुए.

  • कनाडा में तारिक जमील ने आरआईएस सम्मेलन में अंतराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक उपदेश भी दिए. वे जातीय और सांप्रदायिक सद्भाव का समर्थन भी करते हैं. उनके तकरीर अल्लाह के आदेशों का पालन करना,हिंसा से बचना और पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के रास्ते पर चलने के लिए केंद्रित होते हैं.


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