एक्सप्लोरर
Mauni Amavasya 2024: 9 फरवरी को वारियान और सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी मौनी अमावस्या
Mauni Amavasya 2024: शुक्रवार 9 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि और वारियान योग में मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. स्नान, दान, पूजा-पाठ और तर्पण के लिए इस दिन का खास महत्व है.मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखा जाता है.
![Mauni Amavasya 2024: 9 फरवरी को वारियान और सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी मौनी अमावस्या Mauni Amavasya 2024 celebrated on sarvartha siddhi and Variyan Yoga know effect rules and significance Mauni Amavasya 2024: 9 फरवरी को वारियान और सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी मौनी अमावस्या](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/08/59335813cbc6ee772fdfc8e11fb5f0dd1707371152623466_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मौनी अमावस्या 2024
Mauni Amavasya 2024: माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस साल मौनी अमावस्या शुक्रवार, 9 फरवरी 2024 को है. मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करना शुभ माना जाता है. माघ अमावस्या 9 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी और 10 जनवरी को सुबह 04:28 बजे समाप्त होगी.
सनातन धर्म में दिनों की गिनती उदया तिथि से की जाती है. इसलिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है. इस बार मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही वारियान योग का अद्भुत संयोग बनेगा. इस संयोग पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष शुभ मानी जाती है. इस दिन स्नान, ध्यान, पूजा, तप और दान पुण्यदायक माना जाता है. हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन मौनी अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन श्रद्धालु गंगा, नर्मदा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करेंगे. साथ ही विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी. इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है.
उदयातिथि से 9 फरवरी को मौनी अमावस्या
माघ अमावस्या शुक्रवार, 9 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी. यह 10 जनवरी को प्रातः 04:28 बजे समाप्त होगी. सनातन धर्म में दिनों की गिनती उदया तिथि से की जाती है. इसलिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है.
वरियान और सर्वार्थ सिद्धि योग में मौनी अमावस्या
मौनी अमावस्या पर सबसे पहले अति शुभ माना जाने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 07:05 बजे शुरू होगा और रात 11:29 बजे समाप्त होगा. वहीं, शाम 07.08 बजे से वरियान योग शुरू होगा. मान्यतानुसार इन योगों में पूजा, जप, तप और दान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मौनी अमावस्या पर करें दान
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन का धार्मिक महत्व अधिक है. मौनी अमावस्या के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को दान करना चाहिए. इस दिन जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस दिन तेल, कंबल, दूध ,चीनी, अनाज तथा अपने आवश्यकता अनुसार पैसों का दान करना चाहिए. इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों को भोजन करना चाहिए. ऐसा करसे से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में आ रही तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या का महत्व धर्म के साथ-साथ ज्योतिष से भी जुड़ा है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मौनी अमावस्या तब मनाई जाती है जब माघ महीने के दौरान चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में एक साथ आते हैं. मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा और सूर्य दोनों की संयुक्त ऊर्जा के प्रभाव से इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता है. मकर राशि चक्र की दसवीं राशि है और कुंडली के दसवें घर में सूर्य मजबूत है. ज्योतिष में सूर्य को पिता और धर्म का कारक माना जाता है, इसलिए जब सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में मिलते हैं तो मौनी अमावस्या का त्योहार मनाया जाता है.
मौनी अमावस्या पर क्या करें: इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें. यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य जरूर दें. ध्यान रहे स्नान करने से पहले तक कुछ बोलें नहीं. मौनी अमावस्या के दिन ज्यादा से ज्यादा ध्यान, प्रार्थना व अन्य धार्मिक क्रिया करें. इस दिन दान जरूर करें. जरूरतमंद लोगों की मदद करें. निस्वार्थ कार्य करना इस दिन शुभ फलदायी होता है. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाएं ताकि शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध हो जाएं. मौनी अमावस्या के दिन उपवास करें, ऐसा करना शुभ फल देता है.
मौनी अमावस्या पर क्या ना करें: मौनी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन केवल सादा भोजन ही करें. साथ ही जितना हो सके मौन रहने की कोशिश करें. मौनी अमावस्या के दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका उल्टा प्रभाव आपके जीवन में पड़ने की संभावना रहती है. मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन नकारात्मक विचारों और भावनाओं को अपने अंदर न आने दें.
करें इस मंत्र का जाप: मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. मौनी अमावस्या के दिन "ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि, शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्” मंत्र का जाप 108 बार करें. ऐसा करने से जातक के घर से पितृ दोष समाप्त हो जाता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
बिजनेस
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)