May 2023: मई का महीना कल से हो रहा है शुरू, दान-पुण्य के कामों के लिए ये माह है श्रेष्ठ, नवग्रहों की शांति के लिए करें इन चीजों का दान
May 2023: इस साल मई महीना बहुत शुभ दिन और तिथि से शुरू हो रहा है और इसका समापन भी शुभ तिथि पर होगा, जिससे इस मास के महत्व दोगुना हो गया है. जानते हैं मई 2023 का धार्मिक महत्व और इससे जुड़ी जानकारी.
May 2023: अंग्रेजी कैलेंडर का पांचवा महीना मई जल्द शुरू होने वाला है. मई में गर्मी चरम पर होती है क्योंकि इसी महीने में हिंदू कैलेंडर का तीसरा माह ज्येष्ठ भी लग जाता है.
शास्त्रों के अनुसार इस माह में जल का विशेष महत्व होता है. इस साल मई महीना बहुत शुभ दिन और तिथि से शुरू हो रहा है और इसका समापन भी शुभ तिथि पर होगा, जिससे इस मास के महत्व दोगुना हो गया है. आइए जानते हैं मई 2023 का धार्मिक महत्व और इससे जुड़ी जानकारी.
मई 2023 का धार्मिक महत्व (May 2023 Religious Significance)
मई की शुरुआत वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तहत हो रही. 1 मई 2023को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वहीं मई माह का समापन भी एकादशी तिथि पर होगा. 31 मई 2023 को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी का व्रत है, इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा.
मई में वैशाख और ज्येष्ठ माह का संयोग
धार्मिक दृष्टि से मई माह महत्वपूर्ण माना जाता है. एक तरफ, जहां मई की शुरुआत वैशाख माह के अंतर्गत होगी तो वहीं इसका समापन ज्येष्ठ माह के साथ होगा. वैशाख माह की समाप्ति 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा पर होगी. वैशाख माह में श्रीहरि की उपासना की जाती है तो वहीं ज्येष्ठ में सूर्य देव और वरुण देव (वरुण देव जल के प्रतीक माने जाते हैं) की आराधना श्रेष्ठ मानी गई है. ज्येष्ठ माह में इस माह में सूर्य काफ़ी शक्तिशाली स्थिति में होते हैं इसलिए इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है. यही कारण है कि मई के महीने में जल, जूते चप्पल, छाता, सत्तू का दान करने से समस्त ग्रह दोष से राहत मिलती है.
मई 2023 साल का पहला चंद्र ग्रहण (May 2023 Chandra grahan)
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण मई के पहले सप्ताह में ही लग रहा है. 5 मई 2023 को वैशाख की पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा पर उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 08 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका अंत 06 मई 2023 की रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगा. ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.
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