Mohini Ekadashi: मोहिनी एकादशी व्रत मात्र से मनुष्य सभी मोह से हो जाता है मुक्त, जानें वह कथा जिसे वशिष्ठ ने श्रीराम को सुनाई थी
Mohini Ekadashi 2022 Date: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 12 मई को है. इस दिन मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
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Mohini Ekadashi Date: हिंदू धर्म ग्रंथों में वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है. इस दिन पूजा व्रत अर्चना करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. इस साल मोहिनी एकादशी 12 मई दिन गुरुवार को पड़ रही है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. भगवान विष्णु ने असुरों का विनाश करने के लिए और देवताओं को विजय दिलाने के लिए इस दिन मोहिनी का रूप रखा था. इसलिए वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
मोहिनी एकादशी व्रत कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha)
महर्षि वशिष्ठ ने श्री राम जी को बताया कि बहुत समय पहले सरस्वती नदी के किनारे भद्रावती नाम की एक नगरी में द्युतिमान नाम का एक राजा राज्य करता था. उसी नगर में एक वैश्य रहता था जो धन-धान्य से परिपूर्ण था. उसका नाम धनपाल था. वह बहुत ही धार्मिक और नारायण भक्त था. उसने नगर में तमाम लोक कल्याण हेतु कार्य करवाए. उसका बड़ा पुत्र अत्यंत ही विलासी और खर्चीली प्रकृति का था. वह वेश्याओं और दुष्टों की संगति में आ गया था. अपना अधिकांश धन बुरे कामों में खर्च करता था. इसी कारण पिता ने उसे अपने घर से निकाल दिया. तब वह चोरी करने लगा. एक बार चोरी करते समय सिपाहियों ने उसे पकड़ लिया और कारागार में डाल दिया. कुछ समय बाद उसे नगर छोड़ने पर विवश होना पड़ा और वह जंगल में पशु पक्षियों को मारकर पेट भरने लगा. उसी समय कौटिन्य मुनि के आश्रम में जा पहुंचा. इन दिनों वैशाख का महीना था. कौटिंय मुनि गंगा से स्नान करके आ रहे थे. उनके भीगे वस्त्रों के छीटे मात्र से पापी को कुछ सद्बुद्धि प्राप्त हुई. वह ऋषि के पास जाकर हाथ जोड़कर कहने लगा, हे महात्मा, मैंने बहुत सारे पाप किए हैं, कृपया मुझे इन पापों से मुक्त होने का उपाय बताएं. महर्षि ने उसे एकादशी व्रत का महात्म समझाया और एकादशी व्रत रखने को कहा. ऋषि ने कहा कि अगर तुम वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करोगे तो इसके उपवास करने से तुम्हारे सभी पाप नष्ट हो जाएंगे क्योंकि इस एकादशी को मोहिनी एकादशी भी कहा जाता है. इस व्रत के प्रभाव से वैश्य पुत्र के सभी पाप नष्ट हो गए. अंत में वह गरुड पर सवार होकर विष्णु लोक को गया. संसार में इस व्रत से उत्तम दूसरा कोई व्रत नहीं है.
व्रत के लाभ
- एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य का मन शांत होता है और उसे सद्बुद्धि प्राप्त होती है.
- मोहिनी एकादशी के व्रत से मनुष्य के सारे पाप कट जाते हैं.
- इस एकादशी को व्रत पूजन करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- एकादशी के दिन व्रत करने से मनुष्य सभी पाप कर्मों से मुक्त होकर सभी मोह माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है और जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से भी मुक्त हो जाता है.
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