Mohini Ekadashi 2022: हिंदू धार्मिक परंपरा और पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो बार एकादशी होती है. इस तरह साल में कुल 24 एकादशी होती है. हर तीसरे साल में अधिमास होने की वजह से 26 एकादशी होती है. इन सभी एकादशियों में वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है. इस साल मोहिनी एकादशी व्रत 12 मई 2022 को रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना करने से मन को शांति मिलती है और धन, यश और वैभव में वृद्धि होती है.


श्री विष्णु को इस लिए धारण करना पड़ा मोहिनी का रूप


वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा यह है कि जब देवासुर संग्राम हुआ था तो उसमें देवताओं को दैत्यों के राजा बलि ने पराजित करके स्वर्ग लोक से निष्कासित कर दिया था. उस समय देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी. विष्णु भगवान ने उन्हें क्षीरसागर में तमाम तरह के रत्न होने की जानकारी दी और साथ-साथ यह भी बताया कि समुद्र में अमृत भी छुपा हुआ है. इसलिए अगर समुद्र मंथन करके अमृत प्राप्त कर लिया जाए तो अन्य संकटों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है.


देवराज इंद्र भगवान विष्णु का यह प्रस्ताव लेकर दैत्यराज बलि के पास गए और समुद्र मंथन के लिए राजी किया. क्षीर सागर में समुद्र मंथन हुआ. समुद्र मंथन में कुल 14 रत्न प्राप्त हुए. 14वें नंबर पर धन्वंतरी वैद्य अमृत कलश लेकर प्रकट हुए. 14वें नंबर का भी एक विशेष महत्व है इसमें 5 कामेद्रियां, 5 जननेंद्रिय और 4 अन्य मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार है इन सभी पर नियंत्रण आवश्यक है.


समुद्र मंथन से निकलने वाले अमृत को पाने के लिए देवों और असुरों में पुनः संग्राम छिड़ गया. उस समय भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लेकर छल से अमृत देवताओं को पिला दिया जिससे देवता अमर हुए और देवासुर संग्राम का अंत हुआ. जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था उस दिन वैशाख माह की एकादशी तिथि थी. इस लिए इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं.


मोहिनी एकादशी व्रत रखने के ये हैं 5 फायदे



  1. मान्यता है कि मोहिनी एकादशी के व्रत से भक्त जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है.

  2. मोहिनी एकादशी व्रत से सुख समृद्धि और शांति प्राप्त होती है.

  3. मोहिनी एकादशी व्रत से मन और शरीर संतुलित होता है और गंभीर रोगों से रक्षा होती है.

  4. मोहिनी एकादशी व्रत रखने वाला मोह माया जैसे बंधनों से मुक्त हो जाता है.

  5. विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने में यह व्रत लाभकारी होता है.



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