Mohini Ekadashi 2023: मोहिनी एकादशी का व्रत 1 मई 2023 यानी आज है. ये दिन श्रीहरि विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा होती है. मत्स्य, ब्रह्मांड, और श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार इस दिन स्नान-दान और व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति हर तरह के मोह जाल से मुक्ति हो जाता है.
मोहिनी एकादशी व्रत के दिन व्रती को रात्रि जागरण कर जगत के पालनहार की उपासना करनी चाहिए और फिर अगले दिन द्वादशी पर पूरे विधि विधान के साथ व्रत का पारण करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत खोलने के कई नियम है, इनका पालन न करने वालों को व्रत का फल नहीं मिलता. आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी व्रत पारण समय, नियम.
मोहिनी एकादशी 2023 व्रत पारण समय (Mohini Ekadashi 2023 Vrat Parana time)
पंचांग के अनुसार मोहिनी एकादशी व्रत का पारण 2 मई 2023 मंगलवार को किया जाएगा. इस दिन सुबह 05 बजकर 40 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक व्रत खोलने का शुभ समय है. वहीं पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 11 बजकर 17 मिनट है. शास्त्रों के अनुसार द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले एकादशी व्रत का पारण न करना पाप करने के समान होता है.
मोहिनी एकादशी व्रत पारण में क्या करें (Mohini Ekadashi Vrat parana Rules)
एकादशी व्रत अगले दिन शुभ मुहूर्त में ही खोला जाता है. इसके लिए घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश जी और विष्णु जी का अभिषेक करें. उन्हें हल्दी, कुमकुम, श्रीफल चढ़ाएं. भोग लगाएं और ब्राह्मण भोजन कराएं. इसके बाद एकादशी के दिन पूजा में चढ़ाएं प्रसाद से व्रत खोलें. साथ ही एकादशी व्रत के पारण में व्रती को चावल जरुर खाना चाहिए इसे शुभ माना गया है.
व्रत खोलते समय न करें ये गलती
शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है, व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए. द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में व्रत खोलें. हरि वासर के दौरान भूलकर भी व्रत पारण न करें नहीं तो पूजा और व्रत निष्फल हो जाएंगे. हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है. साथ ही व्रत पारण में बैंगन, लहसून, प्याज, मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.