मई माह के व्रत और पर्व: मोहिनी एकादशी,प्रदोष व्रत, शिवरात्रि और जानें कब है वृषभ संक्रांति
मासिक व्रत और त्योहार की बात करें तो मई का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण है. मई के महीने में जहां दो एकादशी व्रत पड़ रहे हैं वहीं दो प्रदोष व्रत के साथ साथ एक मासिक शिव रात्रि भी है. इसके अलावा कई अन्य विशेष पर्व और व्रत भी हैं.
May 2020 Festivals Calendar In Hindi: मई का महीना धर्म के लिहाज से बहुत ही विशेष है. मई के महीने में कई ग्रह अपनी चाल बदल रहे हैं जिस कारण इस माह में पड़ने वाले व्रतों की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है.
महत्वपूर्ण व्रतों की बात की जाए तो मई के महीने में महत्वपूर्ण व्रतों में शामिल एकादशी और प्रदोष व्रत भी पड़ रहे हैं. मई माह में चार महत्वपूर्ण व्रत के अतिरिक्त पूर्णिमा व्रत,संकष्टी चतुर्थी, ज्येष्ठ अमावस्या और मासिक शिव रात्रि जैसे विशेष व्रत भी हैं. आइए जानते हैं कि ये व्रत कब हैं-
3- 4 मई 2020- मोहिनी एकादशी सभी व्रतों में एकादशी का व्रत विशेष माना गया है. पंचांग के अनुसार 3 मई को 9 बजकर 9 मिनट के बाद एकादशी की तिथि आरंभ हो जाएगी, जो 4 मई को 6 बजकर 12 तक रहेगी. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है.
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5 मई 2020- प्रदोष व्रत (शुक्ल) प्रदोष व्रत में भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक और उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. जिन कन्याओं के विवाह में बाधा आ रही है उन्हें इस दिन व्रत रखने से लाभ मिलता है.
7 मई 2020- वैशाख पूर्णिमा व्रत वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा होती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से सुदामा जब द्वारिका मिलने पहुंचे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया था. इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई थी.
10 मई 2020- संकष्टी चतुर्थी इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. गणेश जी को प्रसन्न और आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रखने से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति की जाती है.
14 मई 2020 वृष संक्रांति सूर्य जब वृषभ राशि में संक्रमण करते हैं तो इसे वृष संकं्राति कहा जाता है. वृषभ संक्रांति से ही ज्येष्ठ महीने की शुरुआत होती है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह वर्ष का दूसरा महीना होता है. इस दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान और व्रत का विधान है. इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है.
18 मई 2020- अपरा एकादशी इस एकादशी को अजला और अपरा नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान त्रिविक्रम की पूजा की जाती है. अपरा एकादशी का एक अर्थ एकादशी का पुण्य अपार बताया गया है. इस दिन व्रत रखने से कीर्ति, पुण्य और धन की वृद्धि होती है. इस दिन तुलसी, चंदन, कपूर, गंगाजल से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
19 मई 2020- प्रदोष व्रत (कृष्ण) प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी को रखा जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में रखा जाता है. प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं.
20 मई 2020- मासिक शिवरात्रि पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि कहलाती है. इस दिन भगवान शिव की पूजा और उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होता है. मान्यता है कि लक्ष्मी जी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत रखा था.
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22 मई 2020- ज्येष्ठ अमावस्या इस दिन दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए पिंड दान और तर्पण का कार्य शुभ माना जाता है. ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि पर शनि जयंती भी मनाई जाती है. इस कारण से ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन शनि देव की भी पूजा होती है. महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु के लिये वट सावित्री व्रत भी रखती हैं. Chanakya Niti: जीवन में नहीं करने चाहिए ये 5 काम, मिलती है बहुत बदनामी