चंद्रमा की शुभता देखकर करें यात्रा, ऐसे पहचानें राशि और भाव का गोचर
Astrology for Journey : यात्रा पर निकलने से पहले चंद्रमा की स्थिति को जानकर शुभता का आंकलन किया जा सकता है.
यात्रा जीवन का महत्वपूर्ण भाग है. कार्य व्यापार, समाज, संस्कार, धर्म कर्म और तीर्थ आदि के लिए यात्रा अत्यावश्यक है. यात्रा से पूर्व शुभ दिन का आंकलन चंद्रमा की स्थिति से किया जा सकता है. चंद्रमा देखकर यात्रा करना कई अवरोध स्वतः दूर कर सकता है.
आद्यश्चंद्रः श्रियंकुर्याद्, द्वितेये धनधान्यदः।
तृतीये राजसम्मानं, चतुर्थे कलहागमम्।।
पंचमे ज्ञानवृ़िद्धश्च, षष्ठे संपत्ति मुत्तमाम्।
सप्तमे सुखकृच्चद्रोह्यष्टमे मृदिदायकः।।
नवमे भाग्यवृद्धिश्च, दशमे सुख संपदः।
एकादशे सर्वलाभं, द्वादशे च शुभाभवः।।
आवश्यके द्वादशगतेपि यात्राकार्यानिष्ट चंद्रदानात्।।
अर्थात् जन्मराशि में चंद्रमा होने पर श्रीवृद्धि होती है. राशि से अगली राशि में चंद्रमा धनधान्य देते हैं. इसी क्रम में तीसरे भाव में राजसम्मान, चौथे में कलह, पांचवे में ज्ञान, छठे में संपत्ति, सातवें में सुख, आठवें कष्ट, नौवंे में भाग्यवृद्धि, दसवें में सुख संपत्ति, एकादश में सर्वलाभ और बारहवें भाव में शुभता देते हैं. अनिष्ट चंद्रमा में यात्रा करना अनिवार्य हो जाए तो चंद्रदेव की कारक वस्तुओं का दान कर के यात्रा की जा सकती है.
यह ज्योतिषीय सिद्धांत यात्रा का सबसे सरल और प्रभावी सिद्धांत है. इसे विचारने के उपरांत अन्य बातों पर विचार करना आवश्यक नहीं रह जाता है. चंद्रमा का विचार सुबह जाकर शाम को घर लौट आने की यात्रा के लिए अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है. यात्रा एक या उससे अधिक दिनों की हो तब चंद्रमा को देखा जाना शुभकारक होता है. चंद्रमा के लिए दान की जाने वस्तुओं में सभी सफेद खाद्यान्नों को शामिल किया जाता है. पुरानी परंपराओं में घर से बहू-बेटियां का पीठ की ओर चावल फंेककर निकलने का भी चलन है. यह एक प्रकार से चंद्रमा का ही उपाय है.