Safalta Ki Kunji: युवावस्था में इन कामों को नहीं करना चाहिए, करियर हो जाता है बर्बाद
Motivational Thoughts in Hindi: चाणक्य नीति (Chanakya Niti) कहती है कि युवावस्था जीवन की सबसे महत्वूपर्ण अवस्था है. इसमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts in Hindi : सफलता की कुंजी कहती है कि युवावस्था जीवन की ऐसी अवस्था है जिसमें बहुत सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है. इस उम्र में एक गलत कदम पूरी जिदंगी को तबाह और बर्बाद कर सकता है. युवावस्था गलत आदतें बहुत जल्द आकर्षित करती हैं. इसलिए इस उम्र में सचेत रहना चाहिए और इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
गलत संगत से दूर रहें- सफलता की कुंजी कहती है कि युवावस्था में व्यक्ति नई-नई चीजों की तलाश में रहता है. ज्ञान और ऊर्जा का सही संतुलन इस उम्र में यदि न हो तो व्यक्त गलत चीजों की तरफ भी अग्रसर हो सकता है. इस उम्र में गलत संगत का हर प्रकार से त्याग करना चाहिए. इस उम्र में गलत संगत पूरा जीवन बर्बाद भी कर सकती है.
नशा न करें- सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में नशा नहीं करना चाहिए. नशा मन, मस्तिष्क को खराब करता है. ये आदत आसानी से नहीं छूटती है. इसलिए इससे दूर रहना ही उचित है.
आलस का त्याग करें- सफलता की कुंजी कहती है कि युवावस्था में हर कार्य को पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ करना चाहिए. इस उम्र में आलस का त्याग करना चाहिए. आलस व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है. आलस के कारण व्यक्ति सफल होने के अवसरों के वंचित रह जाता है. गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण आलस से दूर रहकर अनुशासन का पालन करते हुए श्रेष्ठ जीवन जीने का संदेश देते हैं. आलस से गुणों का नाश होता है. कार्य करने की क्षमता समाप्त हो जाती है. दक्षता नष्ट हो जाती है. इसलिए इससे दूर ही रहना चाहिए.
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