Safalta Ki Kunji: बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय...आज की सफलता की कुंजी क्या कहती है? यहां पढ़ें
Safalta Ki Kunji: दृढ़ निश्चय, हिम्मत और प्रयास से ही सफलता को प्राप्त किया जा सकता है. साथ ही धर्मशास्त्रों, संत और महापुरुषों के विचार व वचनों को यदि आप अपने जीवन में उतारेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.
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Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts In Hindi: सफलता की कुंजी को हर व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है, लेकिन यह उसी के हाथ लगती है जिसमें विनय, विवेक और विनम्रता जैसे गुण होते हैं. इन गुणों को सफलता की सीढ़ी कहा जाता है. यह मनुष्य के आंतरिक गुणों में एक है, जिससे व्यक्ति के व्यक्तित्व का विस्तार होता है.
सफलता के लिए भारतीय महापुरुषों के दृष्टांत को भी अपने जीवन में जरूर उतारें. गोस्वामी तुलसीदास और परमहंस जैसे महापुरुषों के विचार सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे. जानते हैं सफलता के लिए धर्मशास्त्रों के श्लोक और महापुरुषों के विचार.
गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में कहा-
बरसहिं जलद भूमि नियराये ।
जथा नवहिं बुध विद्या पाये ।
इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे जिसके पास ज्ञान व विद्या नहीं होती वह दिखावा करके अपने आपको ज्ञानी और विद्वान बताना चाहता है.
कबीरदास जी कहते हैं-
कबिरा नवै सो आप को ,पर को नवै न कोय।
घालि तराजू तौलिये , नवै सो भारी होयत।
जो झुककर किसी को नमन या प्रणाम करते हैं वह दूसरे के लिए कम और अपने लिए अधिक लाभदायी होता है. जैसे तराजू का वही पलड़ा नीचे झुकता है जो भारी होता है .
रामकृष्ण परमहंस कहते हैं
सच्ची सफलता को लेकर रामकृष्ण परमहंसजी का विचार है कि, सफलता कोई साधारण बात नहीं है बल्कि यह आपके धन और भौतिक सुख-संपदा की प्राप्ति के द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती. सफलता का अर्थ और अधिक गहराई तक जाता है. इसे सिर्फ आपकी आन्तरिक शान्ति और मानसिक नियंत्रण की उस मात्रा से आंका जा सकता है, जोकि आपको हर परिस्थिति में प्रसन्न रहने के योग्य बनाती है और यही सच्ची सफलता कहलाती है.
सहसा करि पाछे पछताई ,
कहहिं वेद-बुध ते बुध नाहीं।
जल्दबाजी में बिना विवेक के प्रयोग किए और बिना सोचे समझे कुछ लोग काम कर लेते हैं और बाद में अपने किए पर वे बाद में पश्चाताप करते हैं. ऐसे लोगों को बुद्धिमानों में बुद्धिहीन समझा जाता है.
बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय ।
काम बिगारे आपनो, जग में होत हंसायत ।।
बिना विवेक के काम करने पर स्वयं का ही नुकसान होता है. इसलिए कोई भी काम करने से पहले उसके बारे अच्छी तरह सोच-विचार करने के बाद ही उस काम को करना चाहिए. वरना बाद में आपकी जग हसाई भी हो सकती है.
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