Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts In Hindi: सफलता मेहनत और ज्ञान से ही अर्जित की जाती है. लेकिन कुछ लोग मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन ज्ञान का अभाव होने के कारण वे सफलता को हासिल नहीं कर पात हैं. यहां ज्ञान का अर्थ बड़ी-बड़ी डिग्रियों से नहीं है. बल्कि प्रतिदिन कुछ नया सीखने और अभ्यास करने से है. विज्ञान के अनुसार व्यक्ति किसी चीज को सीखने के लिए अपने दीमाग का केवल 10 प्रतिशत ही इस्तेमाल करता है. वहीं बाल्यावस्था में हमारा दीमाग ज्यादा सीखता है और एक्टिव भी रहता है.
लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं अपने कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं. इसलिए नया न सीखकर उन्हीं कार्यों को दोहराते हुए करते जाते हैं. लेकिन सफलता प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि कुल्हाड़ी की तरह अपने दीमाग को भी समय-समय पर धार देते रहना.
कुल्हाड़ी की धार से संबंधित प्रेरणादायक कहानी-
कुल्हाड़ी की धार से जुड़ी प्रचलित कहानी के अनुसार, एक व्यक्ति गरीबी से तंग आकर अधिक कमाई के लिए बड़े नगर में जाने का विचार करता है. लेकिन नगर पहुंचने पर उसे अत्यंत भूख लगती है और वह रास्ते पर भी भूख से बेहाल होकर बैठ जाता है. एक सेठ की नजर उस लड़के पर पड़ती है. सेठ लड़के को खाना और काम भी देते हैं.
सेठ लकड़ियों का व्यापार करता था. उसने लड़के से कहा कि तुम जितना पेड़ काटोगे उतना पैसा मिलेगा. लड़का भी राजी हो गया. काम शुरू करने के लिए सेठ ने उसे नई कुल्हाड़ी दी. लड़के ने पहले दिन 15 पेड़ काटे, दूसरे दिन 10 पेड़ काटे और तीसरे दिन मेहनत करने के बाद भी वह केवल 5 ही पेड़ काट पाया.
कम पेड़ काटने के कारण लड़के की कमाई भी कम होती गई. इससे वह दुखी हो गया. तब सेठ ने उससे कहा कि तुम पेड़ काटने से पहले कुल्हाड़ी की धार तेज करते हो या नहीं. लड़के ने ना में उत्तर दिया. सेठ ने कहा कि यही कारण है जिससे तुम अधिक मेहनत के बावजूद भी ज्यादा पेड़ नहीं काट पा रहे हो.
अगर कुल्हाड़ी की धार तेज नहीं होगी तो पूरी मेहनत बेकार जाएगी. तब जाकर लड़के को अपनी भूल का अहसास हुआ. उसे यह बात समझ आई कि कुल्हाड़ी की धार तेज रहेगी, तभी प्रदर्शन अच्छा होगा और ज्यादा पेड़ कटेंगे.
कुल्हाड़ी की धार से सीखें सफलता का सार
- जिस तरह किसी धारदार कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने पर कम समय लगता है और ज्यादा लकड़ियां कटती है, ठीक उसी तरह अगर आप अपने लक्ष्य या अध्ययन पर अभ्यास करेंगे तो इसमें आपको जरूर सफलता मिलेगी.
- लकड़ियां काटने के लिए रोजाना कुल्हाड़ी की धार को तेज करने की जरूरत होती है. ठीक इसी तरह से प्रतिदिन के अभ्यास के आप भी अपने कार्यों को आसानी और सफलतापूर्वक कर पाएंगे.
- एक कहावत है कि गधों की तरह काम करने वाला भी गधा रह जाता है. इसलिए जिस तरह अधिक और कम समय में लकड़ियां काटने के लिए कुल्हाड़ी में धार की जरूरत होती है. ठीक उसी तरह से कम समय में सफलता हासिल करने के लिए अपने दीमाग को भी धार करने की जरूरत है. इसके लिए रोजना अपने लिए कुछ समय निकालें, सीखी हुई चीजों का अभ्यास करें और कुछ नया सीखें.
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