(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Safalta Ki Kunji: सफलता की कुंजी को प्राप्त करने के लिए भगवान हनुमान से सीखें संयमित जीवन के ये अचूक सूत्र
Safalta Ki Kunji: सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष की जरूरत होती है. जीवन में सफल बनने और सफलता प्राप्त करने के लिए भगवान हनुमान के इन गुणों से आपको जरूर सीख लेनी चाहिए. जानते हैं क्या है वो सूत्र.
Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts In Hindi: कलयुग में भगवान हनुमान एकमात्र ऐसे ईश्वर अवतार हैं जो धरती पर मौजूद हैं. हनुमानजी को भोलेनाथ का अंशावतार और श्रीराम भक्त कहा जाता है. श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति, सहज भाव, माता सीता को ढूंढने का संघर्ष, लक्ष्य के प्रति ध्यान, लंका को अग्नि स्नान कराना और सुरसा राक्षसी से चतुराई आदि हनुमानजी के ऐसे गुण हैं, जो हर व्यक्ति में होने चाहिए. हनुमान जी के इन गुणों को सफलता का सूत्र कहा जाता है.
सफलता प्राप्त करने के लिए अपनाएं हनुमान जी के ये गुण
तन को सक्रिय और मन को रखें निष्क्रिय: सफलता की पहली सीढ़ी सक्रियता है. इसलिए व्यक्ति को सक्रिय रहना चाहिए. लेकिन अपने तन को सक्रिय रखें और मन को निष्क्रिय. क्योंकि मन को शांत रखने के बाद ही जीवन की बहुत सी समस्याओं से आप मुक्त होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं या ध्यान क्रेंद्रित कर सकते हैं. लंका जाने से पहले हनुमानजी ने भी यही कार्य किया था.
सजग संघर्ष क्षमता: आप अपने लक्ष्य को तभी प्राप्त कर पाएंगे जब आप लक्ष्य के प्रति सजग रहेंगे. लंका जाते समय हनुमानजी को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. लेकिन वे अपने निश्चित लक्ष्य पर सजग रहें और भोग-विलास की सुविधा से युक्त मैनाक पर्वत को केवल छूकर आगे बढ़ गए.
चतुराई है जरूरी: हनुमान जी से हमें चतुर होने की भी सीख मिलती है. समुद्र पार करते समय जब सुरसा राक्षसी उन्हें खाना चाहती थी, तब हनुमानजी ने बड़ी चतुराई से अपने शरीर का आकार बढ़ाया और एकाएक उसे छोटा कर दिया. इस तरह से वे सुरसा के मुख में प्रवेश करने के बाद चकमा देकर बाहर निकल गए. इस चतुराई से सुरसा भी प्रसन्न हुई और उन्हें छोड़ दिया.
विनम्रत भाव: हर व्यक्ति के विनम्र स्वभाव जरूर होनी चाहिए. खासकर सफलता प्राप्त करने के लिए यह गुण बेहद जरूरी है. बलशाली हनुमानजी का रूप यह सीख देता है कि बलवान या बड़ा होना सबकुछ नहीं होता बल्कि विनम्र बनकर ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे.
भक्ति का गुण: बुद्धि और तर्क केवल वहीं तक है, जहां तक इसकी पहुंच है. लेकिन भक्ति से मन बलवान होता है.असंख्य खूबियों में भक्तिभाव होना ही हनुमान जी के सर्वोत्तम गुण है. अपनी भक्ति के गुण से ही हनुमानजी श्रीराम के प्रिय भक्त बनें. हर व्यक्ति में भक्तिभाव का गुण जरूर होना चाहिए. क्योंकि भक्ति के कम होने से आस्था प्रभावित होती है और आस्था के प्रभावित होते ही आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है.
ये भी पढ़ें: Safalta Ki Kunji: बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय...आज की सफलता की कुंजी क्या कहती है? यहां पढ़ें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.