Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts In Hindi: श्रीमद्भगवत गीता में जीवन का सार है. साथ ही इसमें सफलता प्राप्त करने के कई राज छिपे हैं. महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश सुनाए थे, जिससे पांडव कौरवों की सेना को पराजित करने में सफल हुए.
गीता में श्रीकृष्ण द्वारा दिए इन उपदेशों में सफलता का मंत्र समाहित है. इन उपदेशों को जिसने जीवन में उतार लिया, उसे सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता. अर्जुन जब महाभारत युद्ध के समय असमंजस में थे तब श्रीकृष्ण ने उन्हें कई उपदेश दिए. कृष्ण के इन्हीं उपदेशों को सफलता का मूलमंत्र कहा गया है, जिसे हर व्यक्ति को जरूर जानना चाहिए.
श्रीकृष्ण की ये 3 उपदेश हैं सफलता का मूलमंत्र
क्रोध पर नियत्रंण
गीता उपदेश में कृष्ण द्वारा बताए श्लोकों में एक में उन्होंने क्रोध पर नियंत्रण रखना बताया है. इसका कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति क्रोध में होता है तो वह भ्रमित हो सकता है. क्योंकि क्रोध से भ्रम पैदा होता है. इस स्थिति में सही और गलत का भेद खत्म हो जाता है और केवल क्रोध ही शेष रहता है.
साथ ही क्रोध से बुद्धि भी व्यग्र हो जाती है और व्यक्ति के पतन की शुरुआत हो जाती है. वर्तमान समय में भी सफलता प्राप्त करने के लिए श्रीकृष्ण के इस उपदेश को जीवन में उताने की जरूरत है. आज लोग क्रोध में आकर नौकरी और रिश्तों से लेकर अपनी जिंदगी तक दांव पर लगा देते हैं. इसलिए जब भी क्रोध आए तो क्षणभर रुकर क्रोध से उत्पन्न होने वाले परिणामों के बारे जरूर विचार करें.
मोह छोड़कर सत्य को जानें
गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि मोह को छोड़कर सत्य को जानने का प्रयास करें. मोह किसी काम का नहीं है. शरीर नश्वर है और एक दिन नष्ट हो जाएगा. इसलिए शरीर का मोह त्यागकर समाज और धर्म के लिए जो बेहतर हों, उसे करने में कोताही न बरतें.
आज के समय में भी व्यक्ति को ईश्वर और धर्म को जानने का प्रयास करना चाहिए. इससे वह कभी गलत दिशा में नहीं जाएगा और साथ सफल होने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.
अनुभव से सीखें
गीता में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, जीवन में व्यक्ति को अपने गुरु के बाद अनुभवों से सीखना चाहिए. आज के समय भी इस बात को जीवन में उतारने की जरूरत है. आज लोग बड़े-बुजुर्गों और माता-पिता की राय को अक्सर जरूरी नहीं समझते है.
आप जिस उम्र और पड़ाव पर हैं आपके बुजुर्ग उन स्थितियों का सालों पहले सामना कर चुके हैं. इसिलए उनके अनुभवों से सीख लेकर आगे बढ़ें. इससे आप लक्ष्य के मार्ग में आने वाली बाधाओं से अवगत रहेंगे और उनका समाधान कर लक्ष्य तक सुगमता से पहुंच सकेंगे.
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