Safalta Ki Kunji Motivational Thoughts In Hindi: सफलता को हर व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है, लेकिन इसके लिए जरूर है सद्गुण और सदाचार के आचरण पर चलना. श्रीकृष्ण ने भी गीतोपदेश में कहा है,  ‘यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः’ अर्थात श्रेष्ठ पुरुष जैसा आचरण करते हैं, अन्य पुरुष भी वैसा ही आचरण करते हैं. इसलिए सफल मानव जीव के लिए सदाचार को महत्वपूर्ण माना गया है. सफलता को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने भीतर सद्गुण और सदाचार को अपनाना जरूरी है क्योंकि ये दोनों ही सफलता की कुंजी हैं. जानते हैं सद्गुण और सदाचार के बारे में.


क्या है सदाचार और सद्गुण


शीलवान और सदाचार व्यक्ति लोभ, लालच और हिंसा जैसे दुर्गुणों से दूर रहता है. किसी व्यक्ति में यज्ञ, तप, दान, तीर्थ, व्रत, पूजा , सेवा और सत्य जैसे गुणों को ही सदाचार कहा जाता है. व्यक्ति में संयम, क्षमा, दया, शक्ति, साहस, समता, ज्ञान, वैराग्य, संतोष, निष्कामता आदि जैसे गुण ही सद्गुण कहलाते हैं. सद्गुण और सदाचार को एक दूसरे का पर्याय कहा जाता है.


सफलता के लिए सदाचार का महत्व


गीतोपदेश में कर्म पर बल दिया गया है, जिसके अनुसार कर्म से ना सिर्फ व्यक्ति बल्कि समाज दोनों का भला होता है. सदाचार के गुण से आपके चरित्र का निर्णाण होता है. क्योंकि सफलता का अर्थ केवल धन प्राप्त करना मात्र नहीं है बल्कि धन के साथ जीवन में कमाए नेक कामों से भी आपकी पहचान बनती है. सफलता प्राप्त करने के लिए सदाचार को समझें और इसे अपने व्यक्तित्व में ढालें.


सफलता के लिए सद्गुण का महत्व


अरस्तु के अनुसार, अच्छी परिस्थिति और ऐश्वर्य से संपन्न होने के बावजूद भी सफल जीवन इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति कितना सद्गुणी है. कई दार्शनिक सद्गुण को सफल जीवन का आयाम मानते हैं. सफलता को प्राप्त करने के लिए पैसा, प्रसिद्धि और शक्ति को हासिल करना उतना कठिन नहीं है, जितना जीवन में सद्गुणों को बनाए रखना है. सफलता को प्राप्त करने और उसे उपयोगी बनाने के लिए अच्छाई यानी सद्गुणों के लिए प्रयत्नशील बनने की कोशिश कीजिए.


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