Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts in Hindi: सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति को तनाव से दूर रहना चाहिए. तनाव व्यक्ति को हानि पहुंचाता है. तनाव का असर सेहत पर भी पड़ता है. व्यक्ति को तनाव से मुक्त रहने का प्रयास करना चाहिए. जो व्यक्ति तनाव से दूर रहता है, सफलताओं से उतना ही नजदीक रहता है. लेकिन तनाव को कैसे कम किया जा सकता है? इस प्रश्न का उत्तर इन बातों में छिपा है-
सकारात्मकता- विद्वानों का कहना है कि जीवन में सकारात्मकता का विशेष महत्व है. जो व्यक्ति जीवन को सकारात्मक ढंग से जीने का प्रयास करता, वो तनाव से मुक्त रहता है. जीवन को सरल और सुदंर ढंग से जीने की कोशिश करनी चाहिए. जटिलताएं जीवन में तनाव को जन्म देती हैं.
क्रोध- गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है. क्रोध को एक अवगुण माना गया है. क्रोध करने वाला व्यक्ति तनाव में रहता है. इसलिए क्रोध से दूरी बनाकर रखना चाहिए. क्रोध से अन्य अवगुण भी विकसित होते हैं. ऐसे व्यक्ति के जीवन सदैव तनाव की स्थिति बनी रहती है. एक समय ऐसा आता है जब तनाव व्यक्ति पर हावी होने लगता है और उसकी प्रतिभा को हानि पहुंचाने लगता है.
वाणी दोष- विद्वानों की मानें तो कठोर वचन, किसी शस्त्र से भी घातक होते हैं. वाणी दोष के कारण व्यक्ति कठोर वचन बोलता है, जो बाद में उसके लिए तनाव और भय का कारण भी बनता है. इसलिए सदैव ऐसी वाणी बोलने का प्रयास का करना चाहिए, जो सुनने वाले को प्रभावित करे. स्वभाव में विनम्रता और वाणी में मधुरता ये दो ऐसे गुण हैं, जो व्यक्ति को सभी का प्रिय बनाने की क्षमता रखते हंै. इसलिए इन्हें अपनाने का प्रयास करना चाहिए.
लोभ- विद्वानों के अनुसार लोभ तनाव का एक बड़ा कारण बनता है. लोभ करने वाले का चित्त कभी शांत नहीं रहता है. ऐसे व्यक्ति को तनाव और भय दोनों की स्थिति बनी रहती है. लोभ से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए.
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