Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts in Hindi: सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति का जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस जीवन का महत्व समझना चाहिए जो लोग जीवन की उपयोगिता और महत्व को नहीं समझते हैं, वे आगे चलकर कष्ट और चुनौतियों का सामना करते हैं. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को इस जीवन का मोल पहचानना चाहिए. जो इस जीवन के महत्व को समझ लेता है, वही लक्ष्यों को प्राप्त करता है. सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति को जीवन में सफलता और सम्मान चाहिए तो इन कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए-


निंदा- सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति को निंदा से दूर रहना चाहिए. शास्त्रों में निंदा को निंदारस भी कहा गया है. ये ऐसा रस है जिसका स्वाद लगने पर इसकी लत लग जाती है और फिर कई प्रकार की बुराई जन्म ले लेती हैं. इसलिए निंदा से दूर ही रहना चाहिए. निंदा करने वालों को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है. दूसरों की बुराई करते करते, वे बुराइयां स्वयं में प्रवेश कर जाती है. 


लालच- सफलता की कुंजी कहती है कि व्यक्ति को लोभ यानि लालच से दूर रहना चाहिए. लोभ व्यक्ति को स्वार्थी बनाता है. लोभ करने वाला व्यक्ति कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है. ऐसे लोग कभी संतुष्ठ भी नहीं रहते हैं और सदैव नकारात्मक विचारों से भी भरे रहते हैं. इसलिए लोभ से बचना चाहिए. व्यक्ति को परिश्रम से सफलता अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए. लोभ कई प्रकार की बुराइयों को जन्म देता है. ऐसा व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को भी धोखा देने के लिए तैयार रहता है. धोखा देना सबसे बुरी आदत है. 


क्रोध- सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में सफलता और सम्मान तभी मिलता है जब व्यक्ति श्रेष्ठ गुणों को अपनाता है. क्रोध को एक अवगुण माना गया है. क्रोध एक अवगुण है. क्रोध में व्यक्ति अच्छे और बुरे की पहचान नहीं कर पाता है. ऐसा व्यक्ति क्रोध के कारण कई बार बड़ी मुसीबतों में फंस जाता है. क्रोध अहंकार को भी जन्म देता है. व्यक्ति को इन अवगुणों से दूर रहना चाहिए.


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