Safalta Ki Kunji, Motivational Thoughts in Hindi: सफलता की कुंजी कहती कि मनुष्य अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल प्राप्त करता है. बुरे कार्यों से व्यक्ति को हमेशा दूर रहना चाहिए. बुरे कार्य व्यक्ति की प्रतिभा का नाश करते हैं. ऐसा व्यक्ति अज्ञात भय और नकारात्मक ऊर्जा से घिरा रहता है, जिस कारण आगे चल ऐसे व्यक्ति को अपयश और असफलता का सामना करना पड़ता है.


गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते है कि श्रेष्ठ मनुष्य वही है जो उच्च आर्दशों को अपना कर श्रेष्ठ आचरण प्रस्तुत करता है. भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को जीवन में अच्छे गुणों को अपनाना चाहिए. अच्छी आदतों को अपना कर ही जीवन में सफलता संभव है. अच्छे गुणों से युक्त व्यक्ति पर धन की देवी लक्ष्मी जी की भी कृपा बनी रहती है.

लक्ष्मी जी की कृपा व्यक्ति के जीवन को सुगम और सरल बनाती है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद व्यक्ति को सुख सुविधाएं और वैभव के साथ साथ मान सम्मान भी प्रदान करती हैं. इसलिए इन बातों का ध्यान रखें-


समय- विद्वानों का मानना है कि समय की कीमत को जो नहीं जानते हैं वे कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं. समय पर जो सभी कार्यों को पूर्ण करता है और समय की कीमत को जानता है, ऐसा व्यक्ति अपार सफलताएं पाता है. 


निंदा- शास्त्रों में बताया गया है कि निंदा से दूर रहें. निंदा करना और सुनना दोनों ही बुरी आदतें हैं. निंदा को निंदा रस भी कहा गया है. निंदा करते करते दूसरे की बुराईयां स्वयं में आ जाती है. निंदा करने वाला व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिरा रहता है. ऐसे व्यक्ति कभी प्रसन्न नहीं रहते हैं. हमेशा गलत कार्यों में लिप्त रहते हैं.


अहंकार- गीता में अहंकार को सबसे बड़ा शत्रु माना गया है. अहंकार में व्यक्ति कभी कभी अच्छे और बुरे का अंतर भी भूल जाता है. अहंकार से दूर रहना चाहिए. अहंकार प्रतिभा और कुशलता का भी नाश करता है. अहंकार करने वालों को लक्ष्मी जी भी पसंद नहीं करती हैं.


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