Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जो लोग धन का महत्व नहीं समझते हैं वे आगे चलकर कष्ट भोगते हैं. धन का सम्मान करना चाहिए और धन के संचय को लेकर गंभीर रहना चाहिए.


लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. भौतिग युग में धन के महत्व को सभी लोग जानते हैं. धन एक ऐसा साधन, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के साथ साथ, सरल भी बना सकता है. धन परिश्रम से प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए. जो लोग परिश्रम से धन अर्जित करते हैं, उन्हें लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, वहीं जो लोग गलत ढंग से धन को प्राप्त करते हैं, लक्ष्मी जी ऐसे लोगों का साथ बहुत जल्दी ही छोड़ जाती हैं.


गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि परिश्रम से लक्ष्य की प्राप्ति होती है. परिश्रम करने वालों को कभी निराशा नहीं होती है. परिश्रम करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. परिश्रम करने वाले के लिए कुछ असंभव नहीं होता है. विद्वानों की मानें तो ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. धन के मामले में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-



  • धन की बचत करें
    धन की बचत करने की आदत डालनी चाहिए. धन संकट के समय सच्चे मित्र की तरह सहायता करता है. जो लोग धन आने पर उसका अनावश्यक चीजों पर व्यय करते हैं वे आगे चलकर परेशानियों को भोगते हैं.

  • धन का व्यय सोच समझ कर करें
    विद्वानों का मानना है कि धन का व्यय बहुत ही सोच समझ कर करना चाहिए. जो इस बात को नहीं मानते हैं वे कष्ट उठाते हैं. धन जरूरत की चीजों पर व्यय करना चाहिए.

  • धन का गलत प्रयोग न करें
    धन का प्रयोग उचित कार्यों में करना चाहिए. जो लोग धन का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए करते हैं. ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी नाराज हो जाती हैं और उस स्थान का त्याग कर देती हैं.


यह भी पढ़ें:
Vakri Grahas: जून माह में 5 ग्रह रहेंगे वक्री, मेष से मीन राशि तक पड़ेगा प्रभाव