Mrityu Panchak 2023: सूर्य ग्रहण से पहले आज खत्म होगा मृत्यु पंचक, यहां जानें इससे जुड़ी अहम जानकारी
Mrityu Panchak 2023: साल का पहला सूर्य 20 अप्रैल 2023 को लगने जा रहा है. इससे ठीक एक दिन पहले 19 अप्रैल 2023 को पंचक भी खत्म हो रहे हैं. जानते हैं पंचक से जुड़ी जानकारी.
Panchak April 2023: साल का पहला सूर्य 20 अप्रैल 2023 को लगने जा रहा है. इससे ठीक एक दिन पहले 19 अप्रैल 2023 को पंचक (Panchak 2023) भी खत्म हो रहे हैं. पौराणिक मान्यता और शास्त्रों के अनुसार पंचक के 5 दिन अशुभ माने गए हैं. इसकी शुरुआत से खत्म होने तक शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र पर आधारित ग्रंथों में बताया गया है कि जब चंद्रमा का परिवर्तन घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है. वहीं जब चंद्रमा का राशि परिवर्तन कुंभ राशि और मीन राशि में होता है, तो भी 'पंचक' लगता है. आइए
कब खत्म होगा मृत्यु पंचक ? (Mrityu Panchak 2023)
15 अप्रैल 2023 शनिवार को शाम 06.44 मिनट मृत्यु पंचक शुरू हुआ था. अब 19 अप्रैल 2023 को रात 11.53 मिनट पर खत्म होगा. शनिवार के दिन शुरू होने वाले पंचक को 'मृत्यु पंचक' कहते हैं. यह पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है. पंचक के 5 दिनों में किसी भी तरह के जोखिमभरे काम नहीं करना चाहिए, ऐसा माना गया है. इसके प्रभाव की चपेट में आने वाले विवाद, दुर्घटना, चोट आदि होने का खतरा बनता है.
मृत्यु पंचक खत्म होने के बाद भी नहीं होंगे शुभ काम
19 अप्रैल 2023 को मृत्यु पंचक देर रात को खत्म हो रहे हैं, वहीं अगले दिन सुबह 07 बजे ही सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा. सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है. सूतक काल में कोई भी शुभ काम, पूजा, खाना बनाना और पकाना दोनों की ही मनाही होती है. वहीं सूतक के समय घर से बाहर निकलने पर भी पाबंदी लग जाती है. ऐसे में सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद ही शुभ कार्य करना ठीक रहेगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023)
20 अप्रैल 2023 गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण सुबह 7 बजकर 04 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी. इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी, हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और न ही भारत में रहने वाले लोगों पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा.
मृत्य पंचक में क्या न करें
पुराणों के अनुसार, जब भगवान राम ने रावण का वध किया था, उसके बाद से ही पांच दिन का पंचक माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, अगर पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाए तो उसे अशुभ मानते हैं क्योंकि उसके साथ ही कुल में पांच लोगों की मृत्यु की आशंका बनी रहती है. वहीं अगर पंचक में अगर किसी की मृत्यु हो गई है तो अंतिम संस्कार के समय शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर रखना चाहिए और इनका भी विधि विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए. पंचक के समय लकड़ी खरीदना, घर पर छत का निर्माण, शव जलाना, शय्या का निर्माण और दक्षिण की यात्रा वर्जित है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.