मुख्तार अंसारी की मौत (Mukhtar Ansari Death) के बाद उत्तर प्रदेश (Mukhtar Ansari Death) में हाई अलर्ट है. गुरुवार रात मुख्तार अंसारी की मौत की खबर आई. उनके मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है. वो ढाई साल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद थे.
मुख्तार अंसारी के शव के पोस्टमर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा और इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. खबरों के अनुसार, मुख्तार अंसारी की मय्यत को सुपुर्द-ए-खाक गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में काली बाग के कब्रिस्तान में किया जाएगा.
अंतिम संस्कार से पहले मुख्तार के शव को उनके पैतृक आवास ले जाया जाएगा और इसके बाद मुख्तार अंसारी के शव को उनके माता-पिता के क्रब के बगल में ही सुपुर्द ए खाक किया जाएगा.
इस्लाम धर्म में किसी की मौत हो जाए तो मृतक के परिजनों की क्या जिम्मेदारी होती है?
- अगर किसी शख्स की मौत हो जाए तो इस्लामी तौर पर मुसलमानों और उसके परिवार के लिए ये जरूरी है कि मरने वाले को पूरी इज्जत और सम्मान के साथ उसके आखिरी रस्म अदा किए जाएं.
- जितनी जल्दी दफ्न किया जा सके, उतना जल्दी करना चाहिए. मय्यत को घर पर रखना सही नहीं है.
- मय्यत को दफ्न करने से पहले गुस्ल (स्नान) देना, कफ्न में लपेटना ( कफ्न सफेद कपड़ा होता है) और नमाज-ए-जनाजा के बाद दफ्न करना जरूरी होता है.
परिवार पर तीन तरह की जिम्मेदारी बनती है
तजहीज़, तकफीन और तदफीन के अमल को पूरा करें
- तजहीज- इसका अर्थ होता है कि मय्यत को दफ्न करन के लिए तैयार करना और नमाज-ए-जनाना के बाद दफ्न करना. इसमें मय्यत को गुस्ल (स्नान) देना होता है.
- तकफीन का मतलब है- मय्यत के बदन को कफ्न में लपेटना.
- तदफीन का मतलब होता है- नमाज-ए-जनाजा के बाद मय्यत को कब्र के अंदर डालना यानी सुपुर्द-ए-खाक कर देना.
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