Mundan Sanskar Muhurat 2024: हिंदू धर्म में मुंडन 8वां संस्कार माना गया है, इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहते हैं. बच्चे में गर्भावस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मुंडन संस्कार किया जाता है, ये बच्चे के स्वास्थ के लिए बहुत जरुरी है. शास्त्रों में लिखा कहा गया है ‘तेन ते आयुषे वपामि सुश्लोकाय स्वस्तये’ अर्थात, मुंडन संस्कार से जातक दीर्धायु होता है.

शिशु के जन्म लेने के बाद 1 साल के अंत या तीसरे, 5वें या फिर 7वें साल में शुभ मुहूर्त देखकर ही मुंडन संस्कार कराए जाने की प्रथा है. अगर आप भी साल 2024 में बच्चे का मुंडन संस्कार करना चाहते हैं तो यहां जनवरी से दिसंबर तक के शुभ मुहूर्त जान लें.

मुंडन संस्कार 2024 (Mundan Sanskar Muhurat 2024)

तारीख दिन शुभ मुहूर्त तिथि नक्षत्र
21 फरवरी 2024 बुधवार सुबह 11.30 - सुबह 06.54, 22 फरवरी द्वादशी पुनर्वसु
22 फरवरी 2024 गुरुवार सुबह 06.54 - दोपहर 01.24 त्रयोदशी पुष्य
29 फरवरी 2024 गुरुवार सुबह 06.46 - सुबह 06.24, 1 मार्च पंचमी चित्रा
8 मार्च 2024 शुक्रवार सुबह 06.38 - रात 11.00 त्रयोदशी श्रवण
20 मार्च 2024 बुधवार सुबह 06.24 - रात 11.39 एकादशी पुष्य
27 मार्च 2024 बुधवार सुबह 06.16 - सुबह 06.16, 28 मार्च द्वितीया चित्रा
28 मार्च 2024 गुरुवार सुबह 06.15 - सुबह 06.38 तृतीया स्वाती
4 अप्रैल 2024 गुरुवार सुबह 06.07 - सुबह 06.07, 5 अप्रैल दशमी श्रवण
5 अप्रैल 2024 शुक्रवार सुबह 06.06 - दोपहर 01.31 एकादशी धनिष्ठा
15 अप्रैल 2024 सोमवार सुबह 05.55 - दोपहर 12.14 सप्तमी पुनर्वसु
3 मई 2024 शुक्रवार सुबह 05.38 - सुबह 12.07, 4 मई दशमी शतभिषा
10 मई 2024 शुक्रवार सुबह 10.47 - सुबह 02.52, 11 मई तृतीया रोहिणी
20 मई 2024 सोमवार शाम 04.00 - सुबह 05.27, 21 मई द्वादशी चित्रा
24 मई 2024 शुक्रवार रात 07.26 - सुबह 05.25, 25 मई प्रतिपदा अनुराधा
29 मई 2024 बुधवार दोपहर 01.42 - सुबह 05.24, 30 मई षष्ठी श्रवण
30 मई 2024 गुरुवार सुबह 05.24 - सुबह 11.46 सप्तमी धनिष्ठा
10 जून 2024 सोमवार शाम 04.17 - रात 09.40 चतुर्थी पुष्य
17 जून 2024 सोमवार सुबह 05.23 - सुबह 06.26, 18 जून एकादशी चित्रा
21 जून 2024 शुक्रवार सुबह 07.33 - शाम 06.19 चतुर्दशी ज्येष्ठा
24 जून 2024 सोमवार दोपहर 03.54 - सुबह 01.25, 25 जून तृतीया उत्तराषाढ़ा
26 जून 2024 बुधवार सुबह 05.25 - रात 08.57 पंचमी धनिष्ठा
15 जुलाई 2024 शुक्रवार रात 07.21 - सुबह 12.00, 16 जुलाई षष्ठी उत्तर भाद्रपद


मुंडन संस्कार कब करें

हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यता के अनुसार, 84 लाख योनियों के बाद मनुष्य योनी मिलती है. ऐसे में पिछले सभी जन्मों के ऋण का पाप उतारने के लिए शिशु के बाल काटे जाते हैं. पंचांग के अनुसार आषाढ़ (मुंडन आषाढ़ी एकादशी से पहले करें), माघ और फाल्गुन मास में बच्चों का मुण्डन संस्कार कराना चाहिए.

मुंडन संस्कार के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि शुभ मानी जाती है. साथ ही अश्विनी, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, ज्येष्ठ, श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में भी चूड़ाकर्म संस्कार करना उत्तम होता है.

मुंडन संस्कार कैसे करें (Mundan Sanskar Vidhi)

बच्चे का मुंडन संस्कार में घर के आंगन में तुलसी के पास या फिर किसी धार्मिक स्थल पर करना श्रेष्ठ होता है. इस दौरान हवन किया जाता है. मां बच्चे को अपनी गोद में लेकर उसका मुंह पश्चिम दिशा में अग्नि की तरफ रखती है. इसके बाद बच्चे के बाल उतारे जाते हैं और फिर गंगाजल से उसका सिर धोकर हल्दी का लेप लगाया जाता है और उसे नए वस्त्र पहनाएं जाते हैं.

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