Mundan Sanskar Muhurat 2025: मुंडन संस्कार बच्चे के जन्म के बाद कराया जाता है. इस विशेष दिन पर छोटे बच्चे का सिर पारंपरिक तरीके से मुंडवाया जाता है, जो उनकी आत्मा की शुद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक होता है.
हिंदू धर्म में प्रचलित मान्यता के अनुसार, 84 लाख योनियों के बाद मनुष्य योनी मिलती है. ऐसे में पिछले सभी जन्मों के ऋण का पाप उतारने के लिए शिशु के बाल काटे जाते हैं. साल 2025 में मुंडन संस्कार के लिए कब-कब शुरू मुहूर्त बन रहे हैं यहां देखें लिस्ट.
मुंडन संस्कार का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से विशेष महत्व है. मुंडन के बाद सिर पर मालिश करने से सिर की त्वचा को आराम मिलता है और रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे मानसिक विकास में भी मदद मिलती है.
मुंडन संस्कार 2025 डेट
30 जनवरी 2025 | शाम 04.13 - सुबह 07.10, 31 जनवरी |
31 जनवरी 2025 | सुबह 7.10 - सुबह 4.15, 1 फरवरी |
4 फरवरी 2025 | सुबह 4.37 - सुबह 6.38 |
7 फरवरी 2025 | शाम 6.41 - सुबह 7.06, 8 फरवरी |
10 फरवरी 2025 | सुबह 07.00 - शाम 07.05 |
17 फरवरी 2025 | सुबह 6.58 - सुबह 4.56, 18 फरवरी |
26 फरवरी 2025 | सुबह 6.49 - सुबह 11.11 |
3 मार्च 2025 | सुबह 6.04 - सुबह 4.30, 4 मार्च |
17 मार्च 2025 | सुबह 6.29 - शाम 7.36 |
21 मार्च 2025 | सुबह 6.24 - प्रात: 1.46, 22 मार्च |
27 मार्च 2025 | सुबह 6.17 - रात 11.06 |
31 मार्च 2025 | सुबह 6.13 - दोपहर 1.45 |
14 अप्रैल 2025 | सुबह 8.27 - रात 11.59 |
17 अप्रैल 2025 | दोपहर 3.26 - सुबह 5.54, 18 अप्रैल |
23 अप्रैल 2025 | सुबह 5.48 - सुबह 5.48, 24 अप्रैल |
24 अप्रैल 2025 | सुबह 6.57 - सुबह 10.50 |
14 मई 2025 | सुबह 11.47 - सुबह 5.13, 15 मई |
15 मई 2025 | सुबह 5.30 - दोपहर 2.08 |
19 मई 2025 | सुबह 6.14 - सुबह 5.28, 20 मई |
28 मई 2025 | सुबह 5.24 - दोपहर 12.30, 29 मई |
29 मई 2025 | रात 10.38 - रात 11.18 |
30 मई 2025 | रात 9.23 - सुबह 5.45, 31 मई |
6 जून 2025 | सुबह 6.34 - सुबह 4.50, 7 जून |
11 जून 2025 | सुबह 5.22 - दोपहर 1.15 |
16 जून 2025 | सुबह 5.22 - दोपहर 3.34 |
26 जून 2025 | दोपहर 1.27 - सुबह 5.24, 27 जून |
27 जून 2025 | सुबह 5.25 - सुबह 5.25, 28 जून |
2 जुलाई 2025 | सुबह 11.07 - सुबह 11.59, 3 जुलाई |
4 जुलाई 2025 | शाम 4.33 - सुबह 5.27, 5 जुलाई |
मुंडन संस्कार की विधि
- मुंडन संस्कार कहां करें- मुंडन अक्सर तीर्थ स्थलों या मंदिरों में किया जाता है, जैसे काशी, हरिद्वार, या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर, हालाँकि, इसे घर पर भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है.
- पूजा और हवन- मुंडन संस्कार से पहले पूजा और हवन किया जाता है. इसमें भगवान गणेश, कुलदेवता और परिवार के ईष्ट देवताओं का आह्वान कर आशीर्वाद लिया जाता है.
- बाल काटने की प्रक्रिया- पूजा के बाद बच्चे के सिर पर जल या गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया जाता है. इसके बाद बच्चे के बाल काटे जाते हैं.
- बालों का विसर्जन- कटे हुए बालों को नदी या जलाशय में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है.
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