Muslim: इस्लाम धर्म (Islam Dharm) में मर्द का जिस्म नाफ (नाभि) से लेकर घुटने तक ढकने की बात कही गई है. लेकिन उनके पैर के टखने हमेशा दिखने चाहिए. दरअसल ऊंचा पजामा पहनने का एक कारण ये भी है कि टखने से बड़े पजामे के गंदे होने का डर बना रहता है. और गंदे पजामे के साथ नमाज़ अदा करना इस्लाम के खिलाफ है.
इस्लाम धर्म (Islam Dharm) में अल्लाह की इबादत को अहम माना गया है. जिसका विश्वास इस्लाम धर्म में है, जो लोग अल्लाह को मानते हैं, जिनका ईमान मुसलम (पूरा) होता है. वो मुसलमान (Muslman) कहलाते हैं.
भारत (India) और दुनियाभर के मुसलमान दिनभर में 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. ईसाई धर्म (Christianity) के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म (Religion) इस्लाम है. दुनियाभर में तकरीबन 1.8 बिलियन मुसलमानों की संख्या है. मुसलमानों को 5 चीजों का पालन मुख्य रुप से करना होता है. जिनमें-
शहादा | ईश्वर में विश्वास रखना |
नमाज़ | दिन में पाँच वक्त की नमाज़ अदा करना |
जकात | अपनी बचत से दान देना (गरीब मुसलमानों के जरूरी नहीं) |
सवाम | रमज़ान के दौरान रोजा रखना (व्रत) |
हज | तीर्थ यात्रा (गरीब मुसलमानों के जरूरी नहीं) |
मुस्लिम धर्म में पुरुष लंबी दाढ़ी रखते हैं. कुर्ता पजामा पहनते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आखिर क्यों मुस्लिम पुरुष ऊंचा पजामा पहनते हैं?
ऊंचा पजामा पहनने का कारण
इस्लाम धर्म (Islamic Religion) में पुरुष के लिए ऊंचा पजामा पहनने का न कोई फर्ज है और न ही कोई रीति रिवाज. लेकिन इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद के जीवन काल ये बात मिलती है कि ऊंचा पजामा नहीं पहनना चाहिए. पैगंबर के उपदेशों में इसका जिक्र मिलता है.
दूसरी बात, हम सभी को पता है कि इस्लाम धर्म में नमाज़ पढ़ना काफी महत्वपूर्ण है. इस्लाम धर्म (islam dharm) में नमाज अदा करने के कुछ नियम होते है. इन नियमों का सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है. सबसे पहले जिस भी जगह नमाज़ पढ़नी है वो जगह एकदम पाक(साफ-सुथरी) होनी चाहिए.
आपका बदन (शरीर) पाक होना चाहिए, जिसके लिए वज़ू के बाद ही नमाज़ (Namaz) को अदा किया जाता है. इन सब नियमों में एक नियम ये भी है कि नमाज़ के वक्त मर्द और औरत का बदन ढका हो. इस्लाम धर्म में मर्द का जिस्म नाफ से लेकर घुटने तक ढकने की बात कही गई है. लेकिन उनके पैर के टखने हमेशा दिखने चाहिए.
दरअसल ऊंचा पजामा (Pajama) पहनने का एक कारण ये भी है कि टखने से बड़े पजामे गंदे होने का डर बना रहता है. और गंदे पजामे के साथ नमाज़ अदा करना इस्लाम के खिलाफ है. इसलिए ज्यादातर मुसलमान इस परेशानी से बचने के लिए छोटा पजामा सिलवाते हैं.
इस्लाम धर्म में कपड़ों को लेकर कड़े नियम
इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों का परिधान (Dress) उनके शिक्षा के अनुरूप अपनाई जाती है. मुसलमान कई तरह के परिधान को पहनते हैं जो इनके धार्मिक विचार के अंतर्गत इन्हें इस्लाम से जोड़े रखते हैं.
मुस्लिम पोशाक (Muslim Dress) की बात करें तो इस्लाम के शुरुआत से ही लंबे और फैले हुए कपड़ों को प्राथमिकता दी गई है. ढीले ढाले कपड़ों को प्राथमिकता देने का एक बड़ा कारण इस्लामिक शिक्षाएं हैं जो यह तय करता है कि जिस्म के वो अंग जो यौन प्रकृति के हैं, उन्हें पूर्ण रुप से छिपाया जाना चाहिए.
मुस्लिम पुरुषों को सिर से लेकर घुटने तक छिपाकर रखना चाहिए. वही महिलाओं को गर्दन से लेकर टखने तक ढक कर रखने को कहा जाता है. कुरान (Quran) में महिलाओं को हिजाब (Hijab) पहनने की बात कही है.
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