Mysterious: 'नागमणि' एक अनसुलझा रहस्य! रावण ने कुबेर से छीन ली थी मणि, जानें इससे जुड़ी रहस्यमयी बातें
Naagmani Facts: वृहत्ससंहिता ग्रंथ के अनुसार, संसार में मणिधारी वाले दुर्लभ नाग होते हैं. लेकिन आज के दौर में मणि को लेकर लोग यकीन नहीं करते. जानते हैं नागमणी से जुड़े तथ्य और रहस्यों के बारे में.
Mysterious, Naagmani Facts and Secrets: आज के समय में नागमणि के बारे में लोग केवल कल्पना मात्र ही कर सकते हैं. हालांकि वेद, पुराणों, रामायण और महाभारत से जुड़ी कथा-कहानियों में चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है. पौराणिक कथाओं में सर्प के सिर पर मणि होने का उल्लेख किया गया है.
मणि का अर्थ होता है एक चमकता हुआ पत्थर. लेकिन इसकी चमक इतनी तेज होती है कि टूटते हुए तारे और हीरे की चमक भी फीकी पड़ जाती है. कहा जाता है कि जिसके पास मणि होती है उसकी किस्मत रातों रात चमक जाती है और वह संसार का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता है.
बात करें नागमणि की तो यह ऐसा रहस्य है, जो आज भी अनसुलझा है. हालांकि वृहत्ससंहिता ग्रंथ में बताया गया है कि, संसार में मणिधारी वाले नाग मौजूद हैं, जोकि बहुत ही दुर्लभ होते हैं. जानते हैं नागमणि से जुड़े 10 अनसुलझे रहस्य, तथ्य और रोचक बातों के बारे में.
नागमणि से जुड़े अनसुलझे और रोचक तथ्य (Mysterious Facts in Hindi )
- कहा जाता है कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं और नागमणि की चमक के आगे हीराे की चमक भी फीकी पड़ जाती है.
- जिसके पास नागमणि होती है, वह बल और धन पाकर शक्तिशाली बन जाता है. कह सकते हैं कि यह एक अलादीन के चिराग की तरह है. हालांकि इसके चमत्कार में कितनी सच्चाई है यह पूरी तरह से रहस्य है.
- वृहत्ससंहिता ग्रंथ में ऐसा उल्लेख है कि सर्पमणि, जिसे कि नागमणि कहते हैं, वह नाग के सिर पर स्थित होती है. जिसके पास यह मणि होती है, उसके पास कई अलौकिक शक्तियां होती है.
- धर्म ग्रंथ रामायण में ऐसा वर्णन मिलता है रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि ले ली थी. जिसके बल पर वह शक्तिशाली हो गया.
- वहीं महाभारत ग्रंथ में अश्वस्थामा के पास एक मणि होने का उल्लेख किया गया है.
- देवताओं के पास भी मणि होने का उल्लेख धर्म ग्रंथों में मिलता है. इसके अनुसार ब्रह्मा जी चिंतामणि को, भगवान विष्णु कौस्तुभ मणि को और महादेव रुद्रमणि को धारण किए होते हैं.
- वृहत्ससंहिता ग्रंथ में नागमणि को लेकर कहा गया है कि यह मोर के कंठ और अग्नि के समान होती है.
- कहा जाता है कि जिसके पास नागमणि होती है, उसपर विष का प्रभाव नहीं पड़ता है. ऐसे लोग लोग कई रोगों से भी मुक्त रहते हैं.
- वृहत्ससंहिता ग्रंथ में यह भी उल्लेख मिलता है कि स्वाति नक्षत्र में हुई वर्षा की बूंदें जब नाग के मुख में जाती है तो यह नागमणि बनती है. हालांकि इसका भी कोई प्रमाण नहीं मिलता है और ये बात भी रहस्य ही है.
- ग्रंथों में नागमणि के साथ ही पारस मणि, नीलमणि, कौस्तुभ मणि, चंद्रकांता मणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि, लाजावर्त मणि, घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उलूक मणि, उपलक मणि जैसे मणियों का उल्लेख मिलता है.
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