Nag Panchami 2024: हिंदू धर्म में नाग पंचमी का पर्व सावन (Sawan 2024) के महीने में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. सावन माह में भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और उनके प्रिय नागों की पूजा होती है. नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता (Nag Devta) का पूजन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में सर्प दोष से मुक्ति मिलती है. वहीं जो लोग इस दिन नागों की पूजा करते हैं उनकी सर्पदंश से मृत्यु नहीं होती. आइये जानते हैं साल 2024 में कब है नाग पंचमी.
नाग पंचमी 2024 तिथि (Nag Panchami 2024 Date)
नाग पंचमी का दिन नाग देवता को समर्पित है. इसलिए इसे नागों का त्योहार (Snake Festival) कहा जाता है. इस दिन लोग नाग देवता को दूध चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं. पंचांग के अनुसार नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है इस वर्ष नाग पंचमी का त्योहार शुक्रवार, 09 अगस्त 2024 को पड़ रहा है.
नाग पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त (Nag Panchami 2024 Shubh Muhurat)
सावन शुक्ल की पंचमी तिथि 9 अगस्त सुबह 08 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगी और 10 अगस्त सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 9 अगस्त को ही नाग पंचमी मनाई जाएगी और पूजा-पाठ, व्रत आदि किए जाएंगे.
इस दिन पूजा के लिए वैसे पूरे दिन (सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक) शुभ मुहूर्त रहेगा. अगर आप अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) में पूजा करना चाहते हैं तो सुबह 06:16 से 07:05 तक कर सकते हैं. वहीं दोपहर में 12:13 से 01:02 तक का मुहूर्त भी अच्छा है. प्रदोष काल (Pradosh Kal) में नाग पंचमी की पूजा के लिए आप साम 06:33 से 08:22 तक पूजा कर सकते हैं. वहीं अतिरात्रि में पूजा का आखिरी पहर 11:55 से 12:44 तक रहेगा.
नाग पंचमी का महत्व (Nag Panchami 2024 Significance)
नाग पंचमी से कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं जुड़ी हैं जोकि इसके महत्व को बताती है. हिंदू धर्म में कई पेड़-पौधे और पशु-पक्षियों को देवी-देवता के समान पूजनीय माना जाता है. वहीं नागों को पृथ्वी का रक्षक माना जाता है. नाग फसलों के लिए हानिकारक कीड़ों और कीटों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
साथ ही नाग महादेव (Mahadev) को भी प्रिय है. इसलिए महादेव के गले में नाग माला की तरह लिपटे होते हैं. नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा कर उनके प्रतिय कृतज्ञता व्यक्त की जाती है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने से पाप कर्मों का नाश होता है, मनोकामना पूरी होती है और कालसर्प दोष (Kalsarpa Dosha) दूर होता है.
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