Nag Panchami 2024: हिंदू धर्म में नाग पंचमी को एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. सावन माह में पड़ने वाले इस पर्व पर नाग देवता की पूजा की जाती है. सावन माह में भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और उनके प्रिय नागों की पूजा होती है. नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता (Nag Devta) का पूजन करते हैं. 


साल 2024 में नाग पंचमी शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जा रही है, आज 9 अगस्त 2024 शुक्रवार के दिन इस पर्व को मनाया जा रहा है. नाग पंचमी के दिन विशेष रुप से 7 नागों की पूजा की जाती है. इन 7 नागों के नाम हैं शेषनाग, वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, कुलिक, शंख.


इन 7 नागों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है. 


शेषनाग
शेषनाग पाताल लोक के राजा कहलाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इन्हीं के फन पर धरती टिकी हुई है. शेषनाग भगवान विष्णु के सेवक है. रामायण काल में लक्ष्मण शेषनाग के अवतार बताए जाते हैं तो वहीं महाभारत में बलराम को शेषनाग का अंश माना गया है. शेषनाग कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू के पुत्र हैं. नाग पंचमी पर इनकी पूजा का विशेष महत्व है.


वासुकि
भगवान अपने गले में वासुकि नाग धारण किए हैं. समुद्र मंथन के दौरान वासुकि नाग को ही नेती (रस्सी) बनाया गया था. पुराणों के अनुसार वासुकि नाग अत्यंत ही विशाल नाग है. ये भगवान शिव के सेवक हैं इसलिए नाग पंचमी पर इनकी पूजा से मनोकामना पूर्ण होती है.


तक्षक
महाभारत काल में शमीक मुनि के शाप के कारण तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डंस लिया था. पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने सभी सर्पों का नाश करने के लिए यज्ञ किया था. ब्रह्माजी के वरदान के कारण आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को समाप्त करवाकर नागों के प्राण बचाए. इस दिन सावन की पंचमी तिथि थी. यही वजह है कि इस दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है.


कर्कोटक
नागराज कर्कोटक शिव के गण थे. कर्कोटक नाग ने जनमेजय के नाग यज्ञ से बचने के शिवजी की स्तुति थी. नाग पंचमी पर कर्कोटक की पूजा करने की भी परंपरा है.


पद्म
ऐसी मान्यता है कि पद्म नागों का गोमती नदी के पास के नेमिश क्षेत्र पर शासन हुआ करता था. बाद में मणिपुर में बस गए, जिन्हें असम में नागवंशी कहा जाता है.


कुलिक
कुलिक नाग को ब्राह्मण कुल का माना गया है. मान्यता के अनुसार इनका संबंध ब्रह्मा जी से है.


शंख
शंख नाग अन्य नागों की अपेक्षा सबसे बुद्धिमान माना गया है.


सर्पों को क्यों प्रिय है सावन ?


सावन माह में पड़ने वाली नाग पंचमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. नाग पंचमी के पर्व का वर्णन  पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा से विषैले सर्पों से बचाव होता है और जीवन में उन्नति और समृद्धि आती है. इसीलिए सावन माह की नाग पंचमी नागों को प्रिय है और उन्हें आनंद देने वाली है. अगर आपको भी सावन के महीने में सांप दिखते हैं तो असका अर्थ हैं आप पर शिव जी की कृपा बनी हुई है.


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