(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nag Panchami 2022: क्यों मनाया जाता है नागपंचमी का त्योहार, जानें क्या है कारण ?
Nag Panchami Kyon Manate Hain: इस बार नागपंचमी 2 अगस्त 2022, मंगलवार के दिन हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाएगी. नाग पंचमी पर नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
Reason To Celebrate Nag Panchami: श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे उत्तर भारत में नाग पंचमी 2022 (Nag panchami 2022) का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है.इस दिन नागों की पूजा की जाती है. यह त्योहार भारत के अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है. भारत के दक्षिण महाराष्ट्र और बंगाल में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा के कुछ भागों में इस दिन नागों की देवी मां मनसा कि आराधना की जाती है. केरल के मंदिरों में भी इस दिन शेषनाग की विशेष पूजा की जाती है. आखिर क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी? आइए जानें
नाग पंचमी मानने के कारण (Nag Panchami manana ke Karan )
नाग पंचमी मानने के कई कारण और मान्यताएं हैं जैसे -
शेषनाग के फन पर टिकी है पृथ्वी
हिंदू धर्मग्रन्थों में नाग को देवता माना गया है.इसके पीछे कई मान्यताएं हैं. जैसे कि शेषनाग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है और भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर सोते हैं.
शेषनाग और वासुदेव जी का संबंध
भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना नदी पार की थी.
समुद्रमंथन में वासुकी नाग का महत्व
समुद्रमंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी इसीलिए नागपंचमी के दिन नाग देवता का आभार व्यक्त करने के लिए यह त्योहार मनाया जाता है.
अर्जुन के पोते ने क्यों लिया नाग से बदला
एक अन्य कारण यह भी है कि अर्जुन के पोते और परीक्षित के पुत्र जन्मजेय ने नागों से बदला लेने और उनके पूरे कुल को मारने के लिए नाग यज्ञ की व्यवस्था की थी. क्योंकि उनके पिता परीक्षित को तक्षक सांप ने मार डाला था. नागों की रक्षा के लिए ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को रोक दिया था. जिस दिन उन्होंने यज्ञ बंद किया वह था श्रावण शुक्ल पंचमी. वह तक्षक नाग और उसके कुल को बचाता है.
कालसर्प दोष से मिलती है मुक्ति
पुराणों के अनुसार नाग पंचमी पर की जाने वाली पूजा से राहु केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि भगवान शिव हमेशा अपनी गर्दन पर वासुकि नाग को धारण किए रहते हैं इसलिए नाग की पूजा करने से भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है.
बारिश के मौसम में क्यों बिल से बाहर आते हैं सांप
कहा जाता है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी ज्यादा भर जाने से वो बिल छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं. उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नागपंचमी के दिन नाग के पूजन की परंपरा शुरू हुई.
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