Namkaran November Muhurat 2022: देवउठनी एकादशी यानी कि 4 नवंबर 2022 के बाद मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होते हैं. 16 संस्कारों में नामकरण संस्कार का खास महत्व है. बच्चे के जन्म के बाद पूरे विधि विधान के साथ उसका नामकरण किया जाता है. उसे उसकी पहचान दिलाई जाती है. बच्चे के नामकरण में शुभ मुहूर्त, कुंडली और ग्रह नक्षत्र का विशेष ध्यान रखा जाता है. आइए जानते हैं नवंबर में नामकरण संस्कार के शुभ मुहूर्त, कब करना चाहिए बच्चे का नामकरण.


कब होता है बच्चे का नामकरण ?


नामकरण संस्कार हिंदू धर्मग्रंथों में पांचवां संस्कार है. शास्त्रों के अनुसार बच्चे का नामकरण संस्कार शुद्धिकरण यानी कि बच्चे के जन्म के 12 दिन के सूतिका चरण खत्म होने के बाद करना चाहिए. यह अवधि नामकरण संस्कार के लिए अशुभ मानी जाती है. शुभ तिथि, दिन और नक्षत्र को देखकर और उसकी समीक्षा करने के बाद उसका शिशु का नामकरण संस्कार किया जाना चाहिए. धर्म ग्रंथों के अनुसार ब्राह्मणों में यह दस दिन बाद, क्षत्रियों में 12 दिन बाद, वैश्यों में 15 दिन बाद और शूद्र में एक महीने बाद किया जाता है.


नामकरण संस्कार महत्व


आयुर्वेदभिवृद्धिश्च सिद्धिर्व्यवहतेस्तथा। नामकर्मफलं त्वेतत् समुदृष्टं मनीषिभि:। अर्थात - नामकरण संस्कार से जातक आयु और तेज में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही अपने नाम, आचरण, कर्म से जातक प्रसिद्धि प्राप्त करता है और इसी नाम से उसकी पहचान होती है.


नामकरण नंवबर मुहूर्त 2022


- 5 नवंबर 2022


12.12 PM - 06.40 AM, 6 नवंबर 2022


- 6 नवंबर 2022


06:22 AM - 08:23 PM


- 10 नवंबर 2022


06.41 AM - 12.37 PM


- 14 नवंबर 2022


05.12 AM - 06.28, 15 नवंबर 2022


- 20 नवंबर 2022


06.52 AM - 12.36 PM


- 23 नवंबर 2022


09.37 PM - 07.37, 24 नवंबर 2022


- 27 नवंबर 2022


12.38 AM - 06.59 PM


-30 नवंबर 2022


06.59 AM - 07.11 AM, 1 दिसंबर 2022


नामकरण दिसंबर मुहूर्त 2022:




नामकरण संस्कार की विधि



  • नामकरण संस्कार के लिए कोई मंदिर या शुद्ध जगह का चयन करें.

  • शास्त्र विधि अनुसार बच्चे को स्नान कराने के बाद नए या साफ कपड़े पहनाएं और फिर सबसे पहले उसे शहद चटाएं.

  • फिर शिशु को सूर्य देव के दर्शन कराना चाहिए और धरती माता को भी नमन कराया जाता है.

  • ध्यान रहे इस दिन शिशु के पिता दाढ़ी, बाल कटवाने से बचें. इसे अशुभ माना जाता है. नामकरण से पहले सुबह गाय को रोटी जरूर खिलाएं.


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