Narali Purnima 2022 Date, Puja Vidhi: शास्त्रों के अनुसार, मछुआरा समुदाय का विशेष त्योहार नराली पूर्णिमा (Narali Purnima 2022) हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल नराली पूर्णिमा (Narali Purnima 2022 ) कल यानी 12 अगस्त को मनायी जायेगी.
इस दिन लोग व्रत रखते हुए भगवान वरुण देव (Lord Varuna Dev) की खासतौर पर पूजा करते हैं और पूजा के दौरान उन्हें नारियल अर्पित करते हैं. इस लिए इसे नारली पूर्णिमा या नारियल पूर्णिमा कहते हैं. यह पर्व महाराष्ट्र एवं कोंकणी क्षेत्र के अलावा गोवा, गुजरात के समुद्र तटीय क्षेत्रों में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
नराली पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त (Narali Purnima 2022 Shubh Muhurt)
- सावन पूर्णिमा प्रारंभः10: 38 A.M. (11 अगस्त, 2022, दिन गुरुवार)
- सावन पूर्णिमा समाप्तः 7: 05 A.M. (12 अगस्त, 2022, दिन शुक्रवार)
- सूर्योदय: 6: 05 A.M. (12 अगस्त 2022)
- सूर्यास्त: 6: 58 P.M. (12 अगस्त 2022)
नराली पूर्णिमा 2022 पूजा विधि (Narali Purnima 2022 Puja Vidhi)
नराली पूर्णिमा व्रत मुख्य रूप से मछुआरा समुदाय के बीच प्रचलित है. नारली पूर्णिमा के दिन भगवान वरुण देव की पूजा-अर्चना का विधान है. इस दिन लोग फलाहारी व्रत रखते हैं और भगवान वरुण देव (समुद्र देव) की पूजा करते हैं तथा उन्हें नारियल अर्पित करते हैं. मान्यता है कि इससे समुद्र देव अति प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि नराली पूर्णिमा के दिन व्रत रखने और पूजा करने से वरुण देव समुद्र में होने वाली अप्रिय घटना से बचाते हैं. नराली पूर्णिमा चूँकि सावन माह में होती है इस लिए इस दिन भगवान शिव कि पूजा की जाती है. मान्यता है कि नारियल की तीन आंखों को शिवजी के त्रिनेत्र से गहरा संबंध है.
नराली पूर्णिमा 2022 का महत्व (Narali Purnima 2022 Importance)
नराली पूर्णिमा मछली पकड़ने के मौसम की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस दिन मछुआरा समुदाय के लोग भगवान वरुण की पूजा करते हैं और उन्हें उदारतापूर्वक नारियल का प्रसाद चढ़ाते हैं. वे समुद्र से अधिक से अधिक मात्रा में मछलियां पकड़ने के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
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