Narasimha Mandir: नरसिंह जयंती के अवसर पर जानें भगवान विष्णु के अवतार के भारत में प्रसिद्ध मंदिर
Narasimha Mandir: आज देशभर में भगवान नरसिंह जी की जयंती मनाई जा रही है. इस पावन पर्व पर जानें विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह के मंदिर.
Narasimha Mandir: आज पूरे देश में भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह भगवान (Lord Narasimha) की जयंती मनाई जा रही है. वैशाख माह (Vaishakha Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) मनाई जाती है.
नरसिंह भगवान को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के रौद्र रुप के नाम से जाना जाता है. जानते हैं भारत में नरसिंह भगवान के मंदिर कहां-कहां पर स्थित हैं.
नरसिंह देव मंदिर खरकड़ा, खेतड़ी, राजस्थान
भगवान नरसिंह देव का यह मंदिर सतयुग से बना है. मान्यता है कि इस मंदिर में भृगु ऋषि ने तपस्या की थी जब विष्णु जी ने नरसिंह जी का अवतार ले कर हिरण्यकश्यपु का वध किया तब भृगु ऋषि ने भगवान विष्णु को याद किया और तब भगवान नरसिंह जी ने उन्हें दर्शन दिए और यहाँ पर अपने नाखूनों से एक कुंड का बनाया और अपने शरीर को साफ किया और यही पर अंतर्ध्यान हुए.
नरसिंहपुर, मंदिर मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश का जिला नरसिंहपुर भगवान नृसिंह के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में स्थापित भगवान नरसिंह की प्रतिमा को आप चाहे पास से देखें या 100 फीट दूर से इसके दर्शन करें, आपको हर जगह से प्रतिमा के दर्शन तो होंगे ही साथ ही प्रतिमा की दृष्टि भी आपकी ओर ही रहेगी.नरसिंहपुर में बना यह नृसिंह मंदिर करीब 6 सदी पुराना है. जिसे एक जाट राजा ने अपने आराध्य के लिए बनवाया था. उसी से इस शहर का नाम पड़ गया.
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में वर्ष 1681 में भगवान नरसिंह की अष्टधातु की मूर्ति राजा परसराम ने करवाई थी.मंदिर में नेपाली शैली से बनी भगवान नरसिंह की प्रतिमा विराजमान है. इस प्रतिमा को नेपाल के मूर्तिकार ने बनाया था.
हेमाचला लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, तेलंगाना
हेमाचला लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर तेलंगाना के वारंगल जिले के मल्लूर में स्थित है. यह मंदिर 4000 वर्ष से अधिक पुराना है और समय की कसौटी पर खरा उतरा है. यह समुद्र तल से 1500 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है और इस मूर्ति के दर्शन के लिए भक्तों को लगभग 150 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं. भगवान नरसिंह की मूर्ति को अगर आप दबाते हैं, तो उसकी त्वचा में एक गड्ढा बन जाता है, और यदि आप बहुत जोर से दबाते हैं, तो उसमें से खून निकलने लगता है.
चूंकि समय-समय पर मूर्ति से खून बहता है, इसलिए वहां के पुजारी और पुजारी खून को रोकने के लिए भगवान नरसिम्हा की मूर्ति को लगातार चंदन के लेप से ढकते हैं.
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