(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
National Bird Day 2024: सनातन धर्म में देवता और पितर माने जाते हैं ये पक्षी, जानिए इनका धार्मिक महत्व
National Bird Day 2024: हिंदू धर्म में कई पक्षियों को पवित्रता का प्रतीक माना गया है और देवी-देवातओं ने इन्हें अपना वाहन बनाया. राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर जानिए इन पवित्र और धार्मिक पक्षियों के रहस्य.
National Bird Day 2024: आकाश में उड़ते पंछी जिस दिन विलुप्त हो जाएंगे, उस दिन धरती से मानव भी विलुप्त हो जाएंगे. इसलिए पक्षियों के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने, प्रेम जताने और विलुप्त होते पक्षियों की रक्षा के उद्देश्य से हर साल 5 जनवरी को राष्ट्रीय पक्षी दिवस के रूप में मनाया जाता है. भले ही इसकी शुरुआत 2002 से हुई हो, लेकिन सनातन धर्म में पौराणिक समय से ही पक्षियों का विशेष महत्व रहा है.
सनातन धर्म में कई पशु-पक्षियों, वृक्षों, नदियों आदि को पूजनीय और पवित्र माना जाता है. क्योंकि हिंदू धर्म में इन्हें मानव अस्तिव की रक्षा का महत्वपूर्ण घटक माना गया है. पेड़-पौधे और नदियों के साथ ही ऐसे कई पशु-पक्षी भी हैं, जिनके न होने पर मानव का अस्तिव संकट में पड़ सकता है. लेकिन पक्षी दिवस पर चर्चा करेंगे कुछ ऐसे पक्षियों के बारे में जिनका हिंदू धर्म से खास संबंध है. इनमें कुछ पक्षियों को देवता तो कुछ को पितर का रूप माना जाता है. इसलिए सनातनी होने के नाते आपको न सिर्फ इन पक्षियों की महत्ता को समझना चाहिए, बल्कि इनका सम्मान भी करना चाहिए. आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
मोर: हिंदू धर्म में मोर को पक्षियों में ऊंचा दर्जा प्राप्त है. साथ ही इसे पक्षियों का राजा कहा गया है. यह भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय का वाहन है. श्रीकृष्ण भी सदैव अपने मुकुट में मोर का पंख लगाते थे. साथ ही मोर पंख घर पर रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. ये सभी मोर के महत्व को दर्शाते हैं.
कौआ: आमतौर पर घर पर कौआ का आना अतिथि आगमन का सूचक माना जाता है. श्राद्ध पक्ष में कौआ को महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि कौआ को भोजन कराने से पितृ तृप्त होते हैं. क्योंकि इन्हें पितरों का रूप माना गया है.
हंस: हंस ऐसा पक्षी है, जहां देव आत्माएं आश्रय लेती हैं. मान्यता है कि मृत्यु के बाद कुछ समय तक पुण्य आत्माएं हंस योनि में रहती है. इसके बाद फिर मनुष्य योनि में लौट जाती है या देवलोक चली जाती है.
उल्लू: उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है. इसे सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है.
गरुड़: गरुड़ को पक्षीराज की संज्ञा दी गई है, क्योंकि यह सभी पक्षियों में श्रेष्ठ है. गरुड़ के नाम पर एक पुराण (गरुड़ पुराण) का नाम रखा गया है.
नीलंकठ: हिंदू धर्म में नीकलंठ पक्षी को बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इसके दर्शन से भाग्य चमक जाता है.
तोता: तोता का संबंध बुध ग्रह से होता है. पुराणों में भी तोता से संबंधित कई कथाएं मिलती है. पंचतंत्र की कथा, जातक कथा में भी तोता का वर्णन मिलता है.
कबूतर: इसे शांति का प्रतीक माना गया है. इन्हें अजर-अमर माना गया है. कहा जाता है कि एक बार जब भगवान शिव माता पार्वती को अमरनाथ में अजर-अमर होने का वचन सुना रहे थे, तब कबूतरों के जोड़े ने भी यह वचन सुन लिया और अजर-अमर हो गए. इसलिए आज भी अमरनाथ की गुफा में कबूतर के जोड़े दिखाई देते हैं.
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