Nautapa 2024: नौतपा का अर्थ होता है 9 दिनों तक चिलचिलाती और भीषण गर्मी, जिसमें सूर्य देव (Surya Dev) धरती पर आग बरसाते हैं. पंचांग के अनुसार, नौतपा की शुरुआत ज्येष्ठ महीने (Jyeshtha Month 2024) की शुरुआत से लेकर 9 दिनों तक होती है.


नौतपा के नौ दिनों में भीषण और आग बरसाने जैसी गर्मी पड़ती है, जो केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि पेड़-पौधे, नदी-तालाब और पशु-पक्षियों के लिए भी असहनीय हो जाती है. इन नौ दिनों को भीषण गर्मी (Heat Wave) कहा जाता है. इस समय लू चलती है. साथ ही लू की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ जाता है. इस साल नौतपा की शुरुआत 25 मई 2024 से हो रही है, जो 2 जून 2024 को समाप्त होगी.


नौतपा में क्यों पड़ती है भीषण गर्मी


शास्त्रों के अनुसार सूर्य के रोहिणी नक्षत्र (Sun in Rohini Nakshatra) में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है. रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा (Chandrama) हैं, जिन्हें शीतलता का कारक माना जाता है. ऐसे में जब सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो इससे चंद्रमा प्रभावित होता है और उसका प्रभाव कम हो जाता है. यानी पृथ्वी पर चंद्रमा की शीतलता कम होने लगती है.


ऐसे में धरती पर सूर्य के प्रभाव बढ़ने से गर्मी भी बढ़ने लगती है और मुनष्य, पशु-पक्षियों के साथ ही प्रकृति पर भी भीषण गर्मी का प्रभाव पड़ता है. गर्मी को लेकर भले ही नौतपा कष्टदायी है, लेकिन शास्त्रों में ऐसे कई कार्यों के बारे में बताया गया है, जिसे नौतपा के दौरान किए जाने पर पुण्य की प्राप्ति होती है और इन पुण्य कार्यों का फल केवल इस जन्म ही नहीं बल्कि कई जन्मों तक मिलता है. साथ ही इन कार्यों से जाने-अनजाने में किए हुए पाप के दोष भी दूर हो जाते हैं.


नौतपा में करें ये पुण्य काम


पेड़-पौधे लगाएं: नौतपा के दौरान पेड़-पौधे लगाने से बहुत पुण्य मिलता है. लेकिन पेड़-पौधे लगाने के साथ ही इसकी सिंचाई भी करें. नौतपा के दौरान पेड़-पौधों में जल डालने से पितृ प्रसन्न होते हैं और इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है.


दान करें: स्कंद पुराण (Skanda Purana) के अनुसार नौतपा में गरीब और जरूरतमंदों में ऐसी चीजों का दान करें, जो गर्मी से राहत देती हो. इस समय आप अन्न, जल, सत्तू, पंखा, घड़ा, मौसमी फल, वस्त्र, छाता और जूते-चप्पलों का दान कर सकते हैं. इससे ग्रहों के अशुभ फल कम होते हैं.


ये पवित्र पौधे लगाएं: पद्म, विष्णुधर्मोत्तर और स्कंद पुराण के मुताबिक इस समय धार्मिक और पवित्र पेड़-पौधे जैसे तुलसी, आंवला और पीपल आदि के पौधे लगाना बहुत शुभ होता है. इससे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. वहीं नीम, बेल, बरगद, आम और इमली के पौधे लगाने से पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है.


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