(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Navratri 2019: सातवें दिन होती है माता कालरात्रि की अराधना, ये है पूजा विधि
Navratri 2019: शारदीय नवरात्र में आज माता के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है. मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा कर रहे लोगों की शनि से जुड़ी व्याधियां दूर होंगी. मां कालरात्रि की पूजा करने वाले काले वस्त्र का प्रयोग करें.
Navratri 2019: शारदीय नवरात्र के सातवें दिन आज मां सरस्वती और कालरात्रि की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा कर रहे लोगों की शनि से जुड़ी व्याधियां दूर होंगी. यहां जानिए आज के दिन पूजा की विधि क्या है और किस मंत्र का जाप कर पूजा करने से माता प्रसन्न होंगी.
सप्तमी पर कैसे करें मां की आराधना?
आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. साधना बढ़ती जा रही है. हमारा तप बढ़ते रहना चाहिए. इच्छा शक्ति भी मजबूत हो रही है. जप-तप में हम रमने लगे हैं. सुबह उठकर नर्वाण मंत्र से यज्ञ करें. यज्ञ के बाद सफेद, ग्रे, काला रंग पहनें. ज्ञान प्राप्ति के लिए श्वेत वस्त्र पहनें. परेशानी से मुक्ति के लिए काला, स्लेटी रंग पहनें. सप्तशती के 12वें और 13वें अध्याय का पाठ करना है. क्षमा प्रार्थना जरूर पढ़ें. मां सरस्वती की पूजा का मुहूर्त दोपहर 03:42 से 06:03 बजे तक. मां कालरात्रि की पूजा का मुहूर्त सुबह 11:46 बजे से पूजा शुरू करें. रात को 10:00 बजे से ढाई बजे के बीच भी पूजा का समय है. मां कालरात्रि की पूजा करने वाले काले वस्त्र का प्रयोग करें. आज की पूजा से बुद्धि, ज्ञान, विवेक बढ़ता है. पूजा से दिमाग बेहतर होता है. एक दिन पूजा करने से सब बेहतर नही होगा. लगातार प्रयास कर रहे लोगों को आज पूजा करनी चाहिए. जो गंभीरता से पूजा कर रहे हैं उनको लाभ होगा. बुद्धि बल बढ़ेगा. प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता मिलेगी. मां कालरात्रि की पूजा कर रहे लोगों की शनि से जुड़ी व्याधियां दूर होंगी.
मां कालरात्रि की कृपा कैसे पाएं?
रात की रानी के 5 फूल इकट्ठे करें. मां काली के चित्र के आगे पुष्प अर्पित करें. मां काली के चरणों में समस्या निवेदित करें. समस्या की लंबी फेहरिस्त लेकर ना जाएं. परेशानियां सबके साथ हैं. मां के चरणों में सिर्फ बड़ी परेशानी ही निवेदित करें.
आज का शुभ समय
अभिजीत काल- सुबह 11:46 - 12:33 मिनट तक
अमृत काल- सुबह 06:40 - 08:20 बजे तक
मां सरस्वती और कालरात्रि की पूजा का मंत्र
मां सरस्वती की पूजा करने वाले ऊं ऐं क्लीं स: का जाप करें. अपराह्न 03:42 से शाम 06:03 बजे तक. मां कालरात्रि की पूजा करने वाले ऊं कालरात्रै नम: रात साढ़े 10 से ढाई के बीच में जाप करें.
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