Navratri 2020: नवरात्रि का पूजा कार्यक्रम, जानें घटस्थापना से लेकर देवियों की पूजा का दिन
Navratri 2020 Date: पंचांग के अनुसार अक्टूबर का महीना धर्म कर्म के लिहाज से बहुत महत्पूर्ण है. विशेष बात ये है कि इसी माह यानि 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है. आइए जानते हैं नवरात्रि पूजन और घटस्थापना के बारे में.
Navratri 2020: नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर 2020 से आरंभ हो रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इस दिन चंद्रमा तुला राशि और सूर्य कन्या राशि में रहेगा. प्रतिपदा की तिथि को ही घटस्थापना की जाएगी. इसे कलश स्थापना भी कहा जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि में घटस्थापना शुभ मुहूर्त में विधि पूर्वक करनी चाहिए. घटस्थापना का संबंध भगवान गणेश से है.
नवरात्रि में घटस्थापना का मुहूर्त प्रतिपदा तिथि का आरंभ: 17 अक्टूबर को 01: 00 एएम प्रतिपदा तिथि का समापन: 17 को 09:08 पीएम 17 अक्टूबर को घट स्थापना मुहूर्त का समय: प्रात:काल 06:27 बजे से 10:13 बजे तक
नवरात्रि में देवी पूजन 17 अक्टूबर: मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना 18 अक्टूबर: मां ब्रह्मचारिणी पूजा 19 अक्टूबर: मां चंद्रघंटा पूजा 20 अक्टूबर: मां कुष्मांडा पूजा 21 अक्टूबर: मां स्कंदमाता पूजा 22 अक्टूबर: षष्ठी मां कात्यायनी पूजा 23 अक्टूबर: मां कालरात्रि पूजा 24 अक्टूबर: मां महागौरी दुर्गा पूजा 25 अक्टूबर: मां सिद्धिदात्री पूजा
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की होती है पूजा शैलपुत्री देवी की पूजा नवरात्रि के पहले दिन करने का विधान है. शैलपुत्री मां पार्वती का एक रूप माना जाता है. ये हिमालय राज की पुत्री हैं और नंदी की सवारी करती हैं. मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बायें हाथ में कमल का फूल है. नवरात्रि के पहले दिन लाल रंग का विशेष महत्व बताया गया है. जो साहस, शक्ति और कर्म का प्रतीक है.
नवरात्रि पूजा विधि नवरात्रि के व्रत और पूजा में विधि औश्र नियम का विशेष महत्व माना गया है. पूजा विधि के अनुसार प्रतिपदा तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. इसके बाद घर के ही किसी पवित्र स्थान पर मिट्टी से वेदी का निर्माण करें. इस वेदी में जौ और गेहूं दोनों को मिलाकर बोएं. फिर पृथ्वी का पूजन कर वहां किसी चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें. इसके बाद गणेश पूजन करें और गणेश आरती का पाठ करें.