Navratri 2020: भगवान श्रीराम से है नवरात्रि का गहरा नाता, जानें नवरात्रि से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
Chaitra Navratri 2020: नवरात्रि का भगवान श्री राम से गहरा नाता है. नवरात्रि का पर्व शक्ति का भी पर्व है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है जिन्हें शक्ति का प्रतीक माना जाता है.
Navratri: 25 मार्च 2020 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. हर उम्र के लोगों द्वारा इस पर्व को पूरे 9 दिनों तक मनाया जाता है. नवरात्रि के दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत का बहुत बड़ा महत्व माना गया है. आइए जानते हैं नवरात्रि से जुड़ी कथा,व्रत और पूजा बारे में-
चार तरह की होती हैं नवरात्रि
भारतीय पुराणों में चार प्रकार की नवरात्रि के बारे में बताया गया है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रगट नवरात्रि कहलाती हैं. गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ मास में आते हैं. वहीं दो प्रगट नवरात्रि आश्विन और चैत्र नवरात्रि कहलाते हैं. ये ऋतुओं के बीच संधिकाल में आते हैं.
भगवान श्रीराम का संबंध
अश्विनी मास के नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं. शारदीय नवरात्रि में भगवान श्री राम ने रावण के वध के लिए मां भगवती की आराधना की थी. चैत्र नवरात्रि गर्मी की शुरूआत में आता है. चैत्र नवरात्रि का समापन राम जन्म यानि रामनवमी से होता है और नवरात्रि का समापन रावण वध से होता है.
मां दुर्गा की कथा
दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है. एक कथा के अनुसाा शुंभ-निशुंभ नाम के दो बलशाली असुरों ने संपूर्ण पृथ्वी पर कोहराम मचा रखा था. लोग उनके कृत्यों से त्राहि-त्राहि कर रहे थे. इन असुरों के आंतक से भयभीता होकर सभी देवता माता पार्वती के पास पहुंचे और संकट से बचाने की प्रार्थना की. देवताओं की पीड़ा को जानकर माता पार्वती के शरीर से एक कुमारी कन्या दिव्य रुप में प्रकट हुई. जिसने शुंभ-निशुंभ का वध करके पाप का नाश कर दिया. इस प्रकार सब संसार में पुन: धर्म की लहरें उठने लगीं. तब देवताओं ने नवरात्र व्रत रखे तथा मां दुर्गा का श्रद्धापूर्वक पूजन किया. तभी से नवरात्रि प्रथा का आरंभ हुआ.
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इन देवियों की होती है पूजा
नवरात्रि की प्रथम तीन रात्रियों में आदि शक्ति दुर्गा की अगली तीन रात्रियों में महालक्ष्मी की और अंतिम तीन रात्रियों में देवी सरस्वतीजी की साधना की जाती है.
मां दुर्गा की पूजा और व्रत से लाभ
मां दुर्गा की पूजा और व्रत रखने से मन एकाग्र होता है. मानसिक तनाव दूर होते हैं. आंतरिक समृद्धि आती है. आत्म शुद्ध होती है और घर-परिवार में सुख शांति का वातावरण विकसित होता है. सही मायने में नवरात्रि का पर्व भौतिक और नैतिक शक्तिओं को जाग्रत करने का भी महोत्सव है.
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