Shailputri Aarti: अश्विन मास (Ashwin Month) के शु्क्ल पक्ष (Sukhla Paksha) की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि (Navratri) की शुरुआत हो जाती है. कल यानि 7 अक्टूबर से नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) स्वरूप की पूजा होती है. नवरात्री पूजा की शुरुआत कलश स्थापना की पूजा से होती है. कलश को भगवान गणेश का स्वरुप माना गया है इसलिए सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है. इसके बाद मां शैलपुत्री की कथा और पूजा की जाती है. इसके बाद मां की आरती करें और मंत्रों का जाप किया जाता है. आइए जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की आरती (Shailputri Aarti) और मंत्र (Shailputri Mantra) के बारे में...
मां शैलपुत्री मंत्र जाप (Maa Shailputri Mantra Jaap)
1. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
2. ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
इन मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जाप जरूर करें. पूजा के बाद मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें.
मां शैलपुत्री की आरती (Maa Shailputri Aarti)
शैलपुत्री मां बैल सवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने न जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस जा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रृद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
नवरात्रि 2021 में कलश स्थापना शुभ मुहूर्त (Kalash Sthapna Shubh Muhurat)
हिंदी पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र, दिन गुरुवार के साथ-साथ विष कुम्भ जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का निर्माण भी हो रहा है. जो कि घट स्थापना के लिए उत्तम होता है. नवरात्रि में घट स्थापना के लिए 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.