Durga Ashtami 2021 Puja Vidhi: हिंदू पंचाग (Hindu Calancer) में शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) में महाष्टमी व्रत (Maha Ashtami Vrat) या दुर्गा अष्टमी व्रत (Durga Ashtami Vrat) का विशेष महत्व है. दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami) के दिन मां दुर्गा के महागौरी (Maa Mahagauri) स्वरुप की पूजा-आराधना की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार, मां महागौरी मां पार्वती का ही रूप हैं. कहते हैं कि भगवान शिव (Lord Shiva) को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने हजारों सालों तक कठोर तपस्या की थी. इस तपस्या से उनके शरीर का रंग काला हो गया था. इस दौरान जब भगवान शिव मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए तब उन्होंने उन्हें गंगाजल छिड़क कर गोरा कर दिया. इस कारण उन्हें महागौरी भी कहा जाता है. मान्यता है कि महाष्टमी के दिन व्रत करने और मां महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. सब पाप नष्ट हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि दुर्गा अष्टमी की सही तिथि, व्रत एवं पूजा विधि के बारे में.
किस दिन है नवरात्रि में महाअष्टमी 2021
इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 8 दिन की ही है. अश्विन मास के नवरात्रि में तृतिया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन होने के कारण एक नवरात्रि कम हो गया है. इस कारण अष्टमी और नवमी को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है. ऐसे में हम आपको बता देते हैं कि नवरात्रि मां दुर्गा अष्टमी 13 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी. इस साल आश्विन मास की शुक्ल अष्टमी तिथि का आरंभ 12 अक्टूबर, मंगलवार यानि की आज रात 09:47 बजे से हो रहा है, जो 13 अक्टूबर, बुधवार रात 08:07 बजे तक है. बता दें कि अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है.
2021 सुकर्मा योग में है दुर्गा अष्टमी 2021
बता दें कि नवरात्रि महा अष्टमी सुकर्मा योग में है। कहते हैं कि मांगलिक कार्यों के लिए सुकर्मा योग के लिए शुभ होते हैं. इस दिन राहुकाल दोपहर 12:07 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक है, तो राहुकाल का ध्यान रखते हुए अष्टमी की पूजा और हवन करें.
महाअष्टमी व्रत और पूजा विधि
नवरात्रि के दिनों में अष्टमी और नवमीं के दिनों को उत्तम माना जाता है. इस दिन किए गए व्रत लाभदायक होते हैं. अष्टमी के दिन स्नान आदि करने के बाद साफ करड़े पहनें. इसके बाद हाथ में जल और अक्षत लेकर मां दुर्गा के सामने अष्टमी व्रत और मां महागौरी की पूजा का संकल्प लें. इसके बाद पूजा की जगह पर मां महागौरी या दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित करें. अगर आपने घर में कलश स्थापना की है तो उसी जगह पर पूजा करें. बता दें कि पूजा के दौरान मां महागौरी को सफेद और पीले फूल अर्पित करें. और नारियल का भोग लगाएं. कहते हैं कि ऐसा करने से मां प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाती है. मान्यता है कि नारियल का भोग लगाने से संतान से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं, पूजा के समय महागौरी बीज मंत्र का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती अवश्य करें.
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