Navratri 2021 Kalash Sthapana Rule: आज 7 अक्टूबर से शुरू शारदीय नवरात्रि, मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि पूर्वक पूजा के लिए समर्पित है. इस लिए नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. पूजा शुरू करने के दौरान कलश स्थापना की जाती है. नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना का अति महत्वपूर्ण स्थान होता है. ऐसे में घट स्थापना के कुछ नियम होते हैं. इन्हीं नियमों के अनुसार ही नवरात्रि व्रत का कलश स्थापना करना चाहिए.


घटस्थापना का मुहूर्त


पंचांग के अनुसार घट स्थापना या कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना अति उत्तम होता है. इस लिए जो लोग सुबह कलश स्थापना न कर पाए हों, वे अभिजीत मुहूर्त में घट की स्थापना कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है.



ऐसे करें कलश स्थापना:



  • नवरात्रि में कलश की स्थापना घर के पूजा घर या मंदिर में उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए.

  • कलश या घट को मां की चौकी से लगा कर स्थापित करना उत्तम होता है.

  • कलश को गंगा जल से या फिर साधारण जल से भरा होना चाहिए तथा उसमें आम का पत्ता रखें.

  • कलश में सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, एक गांठ हल्दी जरूर डालें.

  • घट के मुख पर एक नारियल को लाल वस्त्र से लपेट कर जरूर रखें.

  • कलश और पूजा के चारों तरफ साफ़-सफाई रखें.

  • कलश स्थापना के बाद, अखंड दीपक की स्थापना कर मां शैलपुत्री की पूजा करें.