Navratri 2021 5th Day: आज पांचवीं शारदीय नवरात्रि है. नवरात्रि में माता रानी के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है. मां के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता कहते हैं. भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां को स्कंदमाता नाम प्रदान किया गया. पांचवीं नवरात्रि पर मां के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा- अर्चना श्रेष्ठ मानी जाती है. धार्मिक मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख और ज्ञान की प्राप्ति होती है.


स्कंदमाता की पूजा के लिए  शुभ मुहूर्त



  • ब्रह्म मुहूर्त- आज 10 अक्टूबर को 04:40 ए एम से 05:29 ए एम   

  • अभिजित मुहूर्त - आज 10 अक्टूबर को 11:45 ए एम से 12:31 पी एम

  • विजय मुहूर्त - आज 10 अक्टूबर को 02:04 पी एम से 02:51 पी एम

  • गोधूलि मुहूर्त - आज 10 अक्टूबर को 05:45 पी एम से 06:09 पी एम

  • रवि योग - आज 10 अक्टूबर को 02:44 पी एम से 07:54 पी एम


Navratri 2021: नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा से मिलती है संतान, बढ़ता है ज्ञान


प्रतिदिन करें स्तोत्र पाठ



  1. नमामि स्कन्दमाता स्कन्दधारिणीम्। समग्रतत्वसागररमपारपार गहराम्॥

  2. शिवाप्रभा समुज्वलां स्फुच्छशागशेखराम्। ललाटरत्नभास्करां जगत्प्रीन्तिभास्कराम्॥

  3. महेन्द्रकश्यपार्चिता सनंतकुमाररसस्तुताम्। सुरासुरेन्द्रवन्दिता यथार्थनिर्मलादभुताम्॥

  4. अतर्क्यरोचिरूविजां विकार दोषवर्जिताम्। मुमुक्षुभिर्विचिन्तता विशेषतत्वमुचिताम्॥

  5. नानालंकार भूषितां मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम्। सुशुध्दतत्वतोषणां त्रिवेन्दमारभुषताम्॥

  6. सुधार्मिकौपकारिणी सुरेन्द्रकौरिघातिनीम्। शुभां पुष्पमालिनी सुकर्णकल्पशाखिनीम्॥

  7. तमोन्धकारयामिनी शिवस्वभाव कामिनीम्। सहस्त्र्सूर्यराजिका धनज्ज्योगकारिकाम्॥

  8. सुशुध्द काल कन्दला सुभडवृन्दमजुल्लाम्। प्रजायिनी प्रजावति नमामि मातरं सतीम्॥

  9. स्वकर्मकारिणी गति हरिप्रयाच पार्वतीम्। अनन्तशक्ति कान्तिदां यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्॥

  10. पुनःपुनर्जगद्वितां नमाम्यहं सुरार्चिताम्। जयेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवीपाहिमाम्॥