Maa Brahmacharini Aarti: 8 अक्टूबर को नवरात्रि का दूसरा दिन (Navratri 2nd Day) है. इस दिन मां ब्रह्माचारिणी माता की पूजा (Maa Brahmacharini Puja) की जाती है. शारदीय नवरात्रि में अश्विन मास (Ashwin Month) के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कई हजार सालों तक कठिन तपस्या की थी. उनके इस कठोर तप के कारण ही उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा है. कहते हैं कि आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने और आरती करने से मां अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं. मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां ब्रह्मचारिणी की आरती करना विशेष फलदायक होता है.
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग
कहते हैं कि मां दुर्गा को वैसे तो लाल रंग अधिक प्रिय है. लेकिन उनके अलग-अलग स्वरूपों की बात करें तो हर देवी को एक विशेष रंग पसंद है. मां ब्रह्माचारिणी को पीले रंग से बहुत लगाव है. इसलिए कहा जाता है कि नलरात्रि के दूसरे दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करके ही पूजा-अर्चना और आरती करनी चाहिए. ऐसा करने से मां जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं. अगर संभव हो सके तो मां को भोग भी पीले रंग की चीजों का ही लगाएं. इससे मां बहुत प्रसन्न होती है और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
मां ब्रह्माचारिणी आरती (Maa Brahmacharini Aarti)
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
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