Maa Brahmacharini Mantra-Katha: हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानि 8 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को आश्विन मास (Ashwin Month) की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है. नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है. दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Brahmacharini Puja) की जाती है. मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा तप, शक्ति ,त्याग ,सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि करती है. साथ ही शत्रुओं का भी नाश करती है.
ग्रंथों में मां दुर्गा की 9 शक्तियों के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmcharini Puja) के दर्शन और पूजन का विधान है. कहते हैं देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है. मां के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है. साथ ही, वे श्वेत वस्त्र में विराजमान होती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी कथा (Maa Brahmacharini Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने पर्वत हिमालयराज के घर पूर्वजन्म में पुत्री के रूप में जन्म लिया था. मां ब्रह्मचारिणी मां पार्वती का रूप हैं. उन्होंने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए निर्जल और निराहार कठिन तपस्या की. उनके इसी तप और त्याग के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया. बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी ने करीब एक हजार साल तक फल-फूल खाएं और सौ सालों तक सिर्फ जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया. इतना ही नहीं, इसके बाद मां ने कठिन उपवास रखे. भगवान शिव को पाने के लिए उन्होंने खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप को सहन किया. साथ ही, टूटे हुए बिल्व पत्र खाकर गुजारा किया और भगवान शंकर की लगातार आराधना करती रहीं.
मां की इतनी कठिन तपस्या के बाद भी जब भोलेनाथ प्रसन्न नहीं हुए तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिया और इसके बाद कई सालों तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या करती रहीं. जब मां ने पत्तों को खाना भी छोड़ दिया तो उनका नाम अपर्णा पड़ गया. मां ब्रह्मचारणी की लगातार ऐसी कठिन तपस्या से वे बहुत कमजोर हो हो गईं. मां की इस तपस्या को देख सभी देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि ने उनकी सरहाना की और उनकी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया.
मां ब्रह्माचारिणी मंत्र जाप Maa Brahmcharini Mantra Jaap
मां ब्रह्मचारिणी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र
ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र
1. ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते।।
2. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
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